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IGI एयरपोर्ट के टर्मिनल-2 को मेट्रो स्‍टेशन से जोड़ेगी टनल, यात्रियों का बचेगा आधा घंटा, पैदल चलने का संकट भी खत्‍म

इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Indira Gandhi International Airport) के टर्मिनल-2 को मेट्रो लाइन से जोड़ने के लिए एक सब-वे टनल बनाई जाएगी. इस टनल के बनने से टर्मिनल-2 से यात्री सीधे मेट्रो स्‍टेशनल जा सकेंगे. अभी तक आईजीआई का टर्मिनल-1 और 3 ही मेट्रो लाइन से सीधे जुड़े हुए हैं. सब-वे टनल के बनने से टर्मिनल-2 के यात्रियों को एक्सप्रेस लाइन आने के लिए टर्मिनल तीन का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा. उन्‍हें कम पैदल चलना होगा और उनका करीब आधा घंटा बच जाएगा. टनल बनाने पर करीब 26 करोड़ रुपये खर्च होंगे और दिल्‍ली मेट्रो जल्‍द ही इसके लिए टेंडर जारी करेगी.

आईजीआई का टर्मिनल-3 दिल्ली मेट्रो की एक्सप्रेस लाइन से तो टर्मिनल-1 मैजेंटा लाइन से जुड़ा हुआ है. जिन यात्रियों को टर्मिनल-2 जाना होता है, उन्‍हें अभी एक्सप्रेस लाइन से टर्मिनल 3 पर उतरना पड़ता है. यात्री को टर्मिनल दो पर जाने के लिए टर्मिनल तीन के मेट्रो स्टेशन से बाहर निकलना पड़ता है. टर्मिनल 3 से टर्मिनल 2 डेढ़ किलोमीटर दूर है. सब-वे टनल बनने के बाद टर्मिनल तीन के मेट्रो स्टेशन व टर्मिनल दो के बीच की दूरी घटकर आधी रह जाएगी.
यात्रियों का बचेगा समय
सब-वे टनल बन जाने से यात्री टर्मिनल-2 पर विमान से उतरने के बाद सीधे मेट्रो स्टेशन की ओर जा सकेंगे. इसी तरह मेट्रो का इस्‍तेमाल कर वे अपनी फ्लाइट भी पकड़ सकेंगे. अभी टर्मिनल दो जाने के लिए बहुत से यात्री एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन का इस्तेमाल नहीं करते क्‍योंकि उन्‍हें ज्‍यादा पैदल चलना पड़ता है. लेकिन जब यह दूरी घटकर आधी हो जाएगी, तो यात्री मेट्रो की एयरपोर्ट एक्‍सप्रेस लाइन का ज्‍यादा इस्‍तेमाल करेंगे. उम्‍मीद है कि रोजाना पांच हजार यात्री इस सब-वे से गुजरेंगे.

टनल बनाने में होगा नई तकनीक का इस्‍तेमाल
इस सब-वे टनल बनाने में बॉक्‍स पुशिंग तकनीक का इस्‍तेमाल किया जाएगा. इस तकनीक में टनल बनाने में कम जगह का इस्‍तेमाल तो होता है कि साथ ही इसमें कामगरों की भी कम जरूरत पड़ती है. साथ ही बॉक्‍स पुशिंग तकनीक से टनल बनाने में समय भी कम लगता है.
इस टनल का निर्माण 21 महीनों में पूरा करने का लक्ष्‍य रखा गया है. दिल्‍ली मेट्रो का कहना है कि टेंडर जारी होने के बाद जिस कंपनी को इस काम की जिम्मेदारी दी जाएगी, उसे कार्य शुरू होने के 21 महीने के भीतर हर हाल में काम पूरा करना होगा.