टमाटर की बढ़ती कीमतें अब धीरे-धीरे कम होती जा रही हैं. केंद्र सरकार की ओर से टमाटर (Tomatoes Price Reduce) को रियायती दर पर बेचने का काम भी किया जा रहा है. लेकिन अब प्याज और दूसरी सब्जियों (Vegetables) के दाम तेजी से बढ़ने शुरू हो गए हैं. सब्जियों की बढ़ती कीमतों के बीच महंगाई से बचाने के लिए केंद्र सरकार (Union Government) ने सोमवार को उपभोक्ताओं को 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्याज (Onion) बेचना शुरू कर दिया है, जिसकी शुरुआत दिल्ली से की गई है.
इस कदम का उद्देश्य सब्जियों में अनियंत्रित मुद्रास्फीति को रोकना है, जो जुलाई में 37% तक बढ़ गई है जिससे घरेलू बजट बिगड़ गया है. सब्जियों की बढ़ती कीमतों के बीच सरकार ने पिछले महीने टमाटर को रियायती पर बेचने के लिए कदम उठाया था. लेकिन जैसे ही टमाटर की कीमतें कम होती दिख रही हैं, दूसरी सब्जी और प्याज की कीमतें बढ़ रही हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार ने 11 अगस्त को घोषणा की कि वह बाजारों प्याज की कमी को पूरा करने के लिए राज्य के स्वामित्व वाले भंडार से व्यापारियों और थोक खरीदारों को प्याज बेचेगी. अब तक लगभग 1400 टन प्याज चुनिंदा बाजारों में भेजा जा चुका है. सरकार ने 19 अगस्त को प्याज के निर्यात पर 40% शुल्क भी लगाया है जिसका उद्देश्य स्थानीय आपूर्ति को बढ़ावा देना था.
सब्जियों के साथ-साथ प्याज की कीमतों में आई तेजी को अधिकांश विश्लेषक मौसमी और अस्थाई वजह मान रहे हैं. कुछ अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि खाद्य पदार्थों की अत्यधिक ऊंची कीमतों के कारण मुद्रास्फीति और दुविधा में डाल सकती है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई में उपभोक्ता मुद्रास्फीति 15 महीने के उच्चतम स्तर 7.44% पर पहुंच गई थी. लेकिन सब्जियों के अलावा, अनाज में भी बढ़ोतरी होने से जुलाई में मुद्रास्फीति 13% रिकॉर्ड हुई है. मुख्य उपज में दोहरे अंक की मुद्रास्फीति का यह लगातार 12वां महीना है. इस कदम से अधिकारियों को मूल्य वृद्धि के दौरान प्याज की आपूर्ति को बढ़ावा देने की अनुमति मिलेगी,
उपभोक्ता मामलों के विभाग के एक बयान के अनुसार, केंद्र सरकार ने 300,000 मीट्रिक टन के शुरुआती खरीद लक्ष्य को हासिल करने के बाद, इस साल अपने प्याज के भंडार
को 500,000 टन तक बढ़ाने का फैसला किया है.
उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि एनसीसीएफ और नैफेड को अतिरिक्त खरीद लक्ष्य हासिल करने के लिए 100,000 टन की खरीद के साथ-साथ “प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों में खरीदे गए स्टॉक के कैलिब्रेटेड निपटान” का निर्देश दिया गया है. थोक विक्रेताओं और विश्लेषकों ने कहा है कि कुछ बाजारों में प्याज की आपूर्ति कम हो रही है और मौसम के कारण स्टॉक में गिरावट आने से रसोई घर में प्याज बजट बिगाड़ सकती है. भारतीय उपभोक्ता अन्य किराने के सामान की तुलना में प्याज की कीमतों में वृद्धि कौ लेकर ज्यादा संवेदनशील है.