केंद्र सरकार ने देश में लैपटॉप, कंप्यूटर और सर्वर के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आई टी हार्डवेयर प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI) को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत देश में आईटी हार्डवेयर प्रोडक्शन करने वाली कंपनियों को सरकार 17,000 करोड़ रुपये की सहायता देगी. इस योजना में डेल, लेनोवो, एसर, आसुस और नेटवेयर सहित 32 कंपनियों ने रुचि दिखाई है और इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए आवेदन किया है. लेकिन, अभी तक आईफोन बनाने वाली ऐपल ने आईटी हार्डवेयर के केंद्र सरकार द्वारा लाई गई पीएलआई स्कीम में अभी तक आवेदन नहीं किया है. इस स्कीम में आवेदन करने का आज आखिरी दिन है.
यह जानकारी केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने यह जानकारी दी है. अश्विनी वैष्णव ने कहा, “डिक्सन का एक संयंत्र नोएडा में लगेगा जहां 20,000 से अधिक लोग काम करेंगे. पीएलआई 2.0 के लिए हमारा परिव्यय 17,000 करोड़ रुपये था. लेकिन, हमें इससे ज्यादा के प्रस्ताव मिले हैं. यह दर्शाता है कि लोग भारत को एक विश्वसनीय और उच्च प्रतिभा वाला वाला भागीदार मानते हैं.”
यह जानकारी केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने यह जानकारी दी है. अश्विनी वैष्णव ने कहा, “डिक्सन का एक संयंत्र नोएडा में लगेगा जहां 20,000 से अधिक लोग काम करेंगे. पीएलआई 2.0 के लिए हमारा परिव्यय 17,000 करोड़ रुपये था. लेकिन, हमें इससे ज्यादा के प्रस्ताव मिले हैं. यह दर्शाता है कि लोग भारत को एक विश्वसनीय और उच्च प्रतिभा वाला वाला भागीदार मानते हैं.”
केंद्र सरकार ने सरकार ने ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स, व्हाइट गुड्स, फार्मा, टेक्सटाइल्स, फूड प्रोडक्ट्स, हाई एफिशिएंसी सोलर पीवी मॉड्यूल्स, एडवांस केमिस्ट्री सेल और स्पेशियलिटी स्टील सहित 14 क्षेत्रों के लिए पीएलआई स्कीम लागू की है.