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SBI के इन ग्राहकों को बैंक जाने की जरूरत नहीं, बैंककर्मी खुद आएंगे घर, मिलेगी लेन-देन की सुविधा, जानिए कैसे

भारतीय स्टेट बैंक भारत का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है, जो कई मामलों में अन्य सरकारी व प्राइवेट बैंकों से कोसों आगे है. देश के ज्यादातर बैंक खाताधारकों का SBI में अकाउंट जरूर होगा. लेकिन, क्या आप जानते हैं एसबीआई अपने खाताधारकों को कई तरह की सुविधाएं मुफ्त में देता है. इनमें डोरस्टेप बैंकिंग सर्विस शामिल है. हालांकि, इस सेवा के लिए कई बैंक अलग-अलग शुल्क भी लेते हैं लेकिन भारतीय स्टेट बैंक यह सेवा अपने कुछ चुनिंदा खाताधारकों को मुफ्त में मुहैया कराता है.

एसबीआई अपने दिव्यांग खाताधारकों को निःशुल्क डोरस्टेप बैंकिंग सर्विस दे रहा है. हालांकि, यह सेवा महीने में सिर्फ 3 बार दी जाती है. SBI की डोरस्टेप बैंकिंग सर्विस का लाभ उठाने के लिए ग्राहकों को डोरस्टेप बैंकिंग ऐप पर रजिस्टर करना होगा

डोर स्टेप बैंकिंग में क्या सुविधाएं
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग ग्राहकों को महीने में 3 बार बिना किसी शुल्क के घर पर बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाने का अवसर देता है. इसमें कैश डिपॉजिट-विड्रॉल और चेक जमा कराने समेत कई सुविधाएं शामिल हैं. एसबीआई डोरस्टेप बैंकिंग सर्विस के जरिए खाताधारक एक दिन में सिर्फ 1 बार ही ट्रांजेक्शन कर सकते हैं और इसकी अधिकतम लिमिट 20,000 रुपये है, जबकि न्यूनतम सीमा 1,000 रुपये है. हालांकि, इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए एसबीआई की ब्रांच आपके घर के 5 किलोमीटर के आसपास होनी चाहिए.

SBI डोरस्टेप बैंकिंग सर्विस पात्रता की शर्तें
70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक और दृष्टिबाधित दिव्यांग या चिकित्सकीय रूप से दुर्बल व्यक्तियों को यह सुविधा मिलेगी.
इसके लिए खाताधारक का केवाईसी पूरा होना चाहिए.
खाताधारक का वैलिड मोबाइल नंबर खाते के साथ रजिस्टर्ड होना चाहिए.

कैसे करें डोरस्टेप बैंकिंग का इस्तेमाल
SBI की वेबसाइट के अनुसार डोरस्टेप बैंकिंग सेवा का लाभ पाने के लिए ग्राहकों को डोरस्टेप बैंकिंग ऐप पर रजिस्टर करना होगा. इसके लिए ग्राहक प्ले स्टोर से डोरस्टेप बैंकिंग (DSB) ऐप डाउनलोड कर सकते हैं. ऐप के डाउनलोड और इंस्टॉल करने के बाद मोबाइल नंबर दर्ज कर खुद को रजिस्टर करना होगा.
इसके बाद ग्राहक को अन्य जानकारी दर्ज करने के लिए पिन के साथ लॉगिन करना होगा.

बता दें कि डोर स्टेप फैसिलिटी का लाभ उठाने के लिए ग्राहकों को बैंकों को अलग से शुल्क देना पड़ता है. यह शुल्क बैंकों के हिसाब से तय होता है.