भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की वैज्ञानिक एन वलारमथी (N Valarmathi) का निधन हो गया. तमिलनाडु के अरियालुर की मूल निवासी वलारमथी का शनिवार शाम को चेन्नई में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. वह ISRO के मिशन लॉन्चिंग के लिए काउंटडाउन की पीछे की आवाज थीं. 14 जुलाई को लॉन्च किया गया बेहद सफल चंद्रयान-3 उनके लिए अंतिम उलटी गिनती साबित हुआ.
साल 2023 में लगभग हर महीने होने वाले एक लॉन्च मिशन के साथ, इसरो लाइव स्ट्रीम को भारत और विदेश में लोग करीब से देख रहे हैं. जैसे-जैसे कोई इन लॉन्चों को देखता है, प्रसारण के समय मौजूद अधिकारियों की आवाजें और उनकी संबंधित घोषणाएं (तकनीकी रूप से कॉल-आउट के रूप में जानी जाती हैं) करने की अनोखी आवाज और तरीका तुरंत पहचानने योग्य हो जाता है. ऐसी ही एक आवाज, इसरो वैज्ञानिक वलारमथी नहीं रहीं. केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी है.
उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए, इसरो के पूर्व निदेशक डॉ. पीवी वेंकटकृष्णन ने X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘वलारमथी मैडम की आवाज श्रीहरिकोटा से इसरो के भविष्य के मिशनों की उलटी गिनती के लिए अब नहीं होगी. चंद्रयान-3 उनकी अंतिम उलटी गिनती की घोषणा थी. एक अप्रत्याशित निधन. बहुत दुख महसूस हो रहा है, प्रणाम!.’
उनके निधन के बाद सोशल मीडिया पर कई लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
मालूम हो कि वलारमथी इसरो की प्री-लॉन्च उलटी गिनती घोषणाओं के पीछे की आवाज थीं और उन्होंने आखिरी घोषणा 30 जुलाई को की थी, जब पीएसएलवी-सी56 रॉकेट एक समर्पित वाणिज्यिक मिशन के हिस्से के रूप में 7 सिंगापुरी उपग्रहों को लेकर रवाना हुआ था. वह पिछले छह सालों से सभी लॉन्चों के लिए उलटी गिनती की घोषणाएं कर रही थीं. 50 साल की उम्र में, शनिवार शाम को हृदय गति रुकने से चेन्नई के एक निजी अस्पताल में उनका निधन हो गया. वह कुछ समय से अस्वस्थ थीं.