भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार संसद के विशेष सत्र के दौरान इंडिया का नाम बदलकर भारत करने के लिए एक नया प्रस्ताव ला सकती है. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. भाजपा लंबे समय से मांग कर रही है कि इंडिया का नाम बदलकर भारत कर दिया जाए.
दिसंबर 2022 में, गुजरात के आनंद से भाजपा सांसद मितेश पटेल ने सितंबर 1949 में संविधान सभा द्वारा विचार-विमर्श के अनुसार इंडिया का नाम बदलकर ‘भारत’ या ‘भारतवर्ष’ करने के बारे में लोकसभा में सवाल उठाया था. पटेल ने दावा किया कि ‘इंडिया’ उस ‘गुलामी का प्रतीक है जिसके अधीन देश था’, जैसा कि ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा नाम दिया गया था.
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार कथित तौर पर चल रहे ‘अमृत काल’ के दौरान देश के लोगों को ‘गुलामी मानसिकता’ और ऐसी मानसिकता से जुड़े किसी भी तत्व से मुक्त करने पर जोर दे रही है. संविधान से ‘इंडिया’ शब्द को हटाने की योजना, मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने दावा किया कि प्रस्ताव से संबंधित तैयारी चल रही है. सूत्रों ने कहा कि 18-22 सितंबर तक होने वाले संसद के विशेष सत्र में सरकार ‘इंडिया’ शब्द हटाने के प्रस्ताव से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है.
सूत्रों की मानें तो सरकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद-1 में भारत की परिभाषा में इस्तेमाल किए गए ‘इंडिया यानी भारत’ शब्द से ‘इंडिया’ शब्द हटाने पर गंभीरता से विचार कर रही है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत काल के पांच व्रतों पर जोर देते हुए कहा था कि इनमें से एक गुलामी की मानसिकता से मुक्ति भी शामिल है.
संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा
संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा और सरकार के कामकाज को देखते हुए यह 22 सितंबर तक चलेगा. लोकसभा एवं राज्यसभा सचिवालय ने 2 सितंबर को यह जानकारी दी थी. लोकसभा सचिवालय ने बताया था कि 17वीं लोकसभा का 13वां सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा और सरकार के कामकाज को देखते हुए यह 22 सितंबर तक चलेगा. वहीं, राज्यसभा सचिवालय ने अपने बुलेटिन में सदस्यों को सूचित करते हुए कहा था कि राज्यसभा का 261वां सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा और यह सत्र 18,19, 20, 21 एवं 22 सितंबर तक चलेगा.