सरकार आईडीबीआई बैंक की परिसंपत्तियों का मूल्यांकन करने और रणनीतिक विनिवेश में मदद करने के लिए एक परिसंपत्ति मूल्यांक को नियुक्त करने पर विचार कर रही है. सरकार एलआईसी के साथ मिलकर आईडीबीआई बैंक में लगभग 61 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है और इसके लिए उसे कई रुचि पत्र (EOI) मिले हैं. सरकार और रिजर्व बैंक इस समय बोलियों की जांच कर रहे हैं. बोली लगाने वालों को बोली प्रक्रिया के दूसरे चरण में जाने के लिए सरकार और आरबीआई से जरूरी मंजूरी लेनी होंगी.सरकार और एलआईसी की ओर से निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने सोमवार को इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (IBBI) के साथ पंजीकृत एक प्रतिष्ठित 9 अक्टूबर तक लगाई जा सकती है बोली
रिपोर्ट में सरकारी दस्तावेज के हवाले से ये जानकारी शेयर की गई है कि सरकार द्वारा चयनित वैल्युअर बैंक की संपत्ति का मूल्यांकन करने और बिक्री प्रक्रिया के दौरान जरूरी मदद देने के लिए जिम्मेदार होगा. इसमें कहा गया है कि इस काम के लिए विंडो 9 अक्टूबर 2023 तक खुली रहेगी. सरकार के इस कदम को बैंक की बिक्री की प्रक्रिया की शुरुआत माना जा रहा है.
सरकार की योजना है कि दिसंबर तक आईडीबीआई बैंक के लिए फाइनेंशियल बिड इश्यू किए जाएं और चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक यानी मार्च 2024 तक आईडीबीआई बैंक की अपनी हिस्सेदारी बेच दे. इसके लिए जुलाई में प्रक्रिया की शुरुआत भी हो गई थी. अब एसेट वैल्युअर की नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई है.परिसंपत्ति मूल्यांकक इकाई को नियुक्त करने के लिए आरएफपी (प्रस्ताव के लिए अनुरोध) जारी किया. DIPAM ने इस बारे में जारी पब्लिक नोटिस में कहा है कि इस मामले में सरकार का प्रतिनिधित्व DIPAM कर रहा है.