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UNSC का स्थायी सदस्य बनने भारत की प्रवल दावेदारी, जानें संयुक्त राष्ट्र ने क्या कहा

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने शुक्रवार को कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने की भारत की आकांक्षाओं को पूरी तरह से समझते हैं, लेकिन शीर्ष वैश्विक निकाय में सुधार के बारे में फैसला करना सदस्य देशों का काम है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साक्षात्कार में कहा था कि 20वीं सदी के मध्य का दृष्टिकोण 21वीं सदी में दुनिया की सेवा नहीं कर सकता है.

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की संरचना को “आज की दुनिया की वास्तविकताओं” के अनुसार समायोजित करने की आवश्यकता को स्वीकार किया. गुतारेस ने कहा, “यह परिभाषित करना मेरा काम नहीं है कि सुरक्षा परिषद में कौन होगा या किसे होना चाहिए, यह फैसला सदस्य देशों को करना है, लेकिन मेरा मानना है कि हमें एक ऐसी सुरक्षा परिषद की जरूरत है जो आज की दुनिया का प्रतिनिधित्व करे.”

उन्होंने कहा, “सुरक्षा परिषद की वर्तमान संरचना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की दुनिया का प्रतिनिधित्व करती है. आज की दुनिया अलग है. जैसा कि आपने बताया, भारत आज दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाला देश है.” गुतारेस ने कहा “इसलिए, मैं इस संबंध में भारत की आकांक्षाओं को पूरी तरह से समझता हूं. यह निर्णय करना मेरा काम नहीं है, यह सदस्य देशों का काम है, लेकिन मेरा मानना है और मैं दोहराता हूं कि हमें सुरक्षा परिषद की संरचना को आज की दुनिया की वास्तविकताओं के अनुरूप समायोजित करने की आवश्यकता है. मुझे यकीन है कि आप उन वास्तविकताओं को अच्छी तरह से जानते हैं.”