राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit) की बैठक के पहले दिन सभी सदस्य देशों ने नई दिल्ली जी-20 डिक्लेरेशन को मंजूरी दे दी है. इस संयुक्त घोषणापत्र में कहा गया है कि आज का युग युद्ध का युग नहीं. रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते उत्पन्न वैश्विक संकट के बीच भारत की अध्यक्षता में हो रहे इस शिखर सम्मेलन के लिहाज से इस संयुक्त घोषणापत्र को एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और जी-20 समिट के लिए भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने शनिवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस घोषणापत्र के खास पहलुओं को रेखांकित किया. उन्होंने बताया कि नई दिल्ली जी-20 शिखर सम्मेलन में 37 पन्नों के घोषणापत्र को मंजूरी दी गई है.
‘परमाणु हथियारों का इस्तेमाल या धमकी देना अस्वीकार्य’
इस जी-20 घोषणापत्र में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कहा गया है, ‘हमने यूएनएससी और यूएनजीए में अपनाए गए देश के रुख और प्रस्तावों को दोहराया. परमाणु हथियारों का इस्तेमाल या धमकी देना अस्वीकार्य है.’ इसके साथ ही यह मानते हुए कि जी20 भू-राजनीतिक मुद्दों को हल करने का मंच नहीं है, घोषणापत्र में स्वीकार किया गया है कि इन मुद्दों का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ सकता है.
जी-20 समिट को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, ‘हमारी अध्यक्षता का संदेश ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ है. भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 में 20 सदस्य देशों 9 आमंत्रित देशों और 14 अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने हिस्सा लिया. हमारे लिए यह संतुष्टि की बात है कि अफ्रीकन यूनियन को आज भारत की अध्यक्षता में जी-20 को स्थायी सदस्यता दी गई.’
‘जी20 ने भारत को विश्व के लिए और विश्व को भारत के लिए तैयार किया’
विदेश मंत्री जयशंकर ने इसके साथ ही कहा, ‘यह हमारे लिए हमारी संस्कृति, परंपरा और विरासत को दर्शाने का एक अवसर था. जी-20 ने भारत को विश्व के लिए तैयार करने और विश्व को भारत के लिए तैयार करने में योगदान दिया है.’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि जी20 ने ‘भारत को विश्व के लिए तैयार और विश्व को भारत के लिए तैयार’ करने में योगदान दिया है. एस जयशंकर ने इसके साथ ही बताया कि जिस डेक्लेरेशन पर सभी वैश्विक नेता सहमत हुए हैं, वह मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाने का प्रयास करता है, टिकाऊ भविष्य के लिए हरित विकास समझौते की परिकल्पना करता है और टिकाऊ विकास के लिए जीवनशैली पर उच्च स्तरीय सिद्धांतों का समर्थन करता है.
‘जी-20 समिट में 3 एफ खास चिंता के मुद्दे थे’
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ‘जी20 नेताओं ने यूक्रेन में युद्ध और खासकर विकासशील और अल्प विकासित देशों पर इसके प्रभाव पर चर्चा की.’
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि ‘जी20 शिखर सम्मेलन में, तीन एफ – फूड, फ्यूल और फर्टिलाइजर (भोजन, ईंधन और उर्वरक) – विशेष चिंता के मुद्दे थे. इसके अलावा आतंकवाद का मुकाबला और मनी लॉन्ड्रिंग के मुद्दे पर चर्चा हुई, जहां जी20 नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों, अभिव्यक्तियों की निंदा की. जी20 नेताओं ने माना कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा के लिए अधिक गंभीर खतरों में से एक है.’
‘दिल्ली डिक्लेरेशन में यूक्रेन मुद्दे पर भी सहमति बनाने में सफलता मिली’
वहीं जी-20 समिट के लिए भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा, ‘भारत ने उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ काम किया. घोषणापत्र में यूक्रेन मुद्दे पर भी सहमति बनाने में सफलता मिली. दुनिया भर में इस मुद्दे से बचा जा रहा था. इस नई दिल्ली घोषणपत्र में सभी सदस्यों देशों की 100 फीसदी सहमति है.’
अमिताभ कांत ने कहा, ‘सभी विकासात्मक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर शत-प्रतिशत सर्वसम्मति के साथ यह ऐतिहासिक और पथप्रदर्शक जी-20 घोषणापत्र है. नए भू-राजनीतिक पैराग्राफ आज की दुनिया में लोगों, शांति और समृद्धि के लिए एक मजबूत आह्वान हैं. यह आज की दुनिया में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को प्रदर्शित करता है.’
वहीं इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘भारत की जी20 अध्यक्षता ने ऐसे समाधान तैयार किए हैं, जो प्रत्येक सदस्य के साथ मेल खाते हैं और सभी के लिए साझा राह प्रस्तुत करते हैं. बड़े, बेहतर तथा अधिक प्रभावी बहुपक्षीय विकास बैंकों के लिए जी20 में समझौता हुआ है. क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर स्पष्ट नीतियों के लिए वैश्विक प्रयास में तेजी आई है, वैश्विक सहमति उभर रही है.’