भारत में आयोजित जी-20 की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव पर अफ्रीकी संघ शनिवार को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले मुल्कों के समूह जी-20 का स्थाई सदस्य बन गया है. पीएम मोदी ने दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में अफ्रीकी संघ को नए सदस्य के तौर पर शामिल किए जाने का ऐलान किया. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि पीएम मोदी ने अफ्रीकन यूनियन को G20 में जगह दिलाकर अपना वादा निभाया है.
अफ्रीकी संघ के जी-20 का सदस्य बनने पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर कहते हैं, ‘पिछले साल बाली शिखर सम्मेलन के दौरान, सेनेगल के राष्ट्रपति मैकी सॉल, जो उस समय अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष थे, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति और पीएम (मोदी) के पास आए थे. उन्होंने जी-20 की सदस्यता को लेकर अपनी बात रखी थी. उस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष को आश्वासन दिया था कि भारतीय जी-20 की अध्यक्षता में यह निश्चित रूप से किया जाएगा.’
एस जयशंकर ने अफ्रीकन यूनियन के जी-20 का स्थाई सदस्य बनने की घोषणा पर कहा, ‘यही मोदी की गारंटी है और आपने देखा है कि उन्होंने वह किया है जो उन्होंने आश्वासन दिया था. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान, तत्कालीन राष्ट्रपति पीएम के पास आए और उन्होंने उन्हें याद दिलाया कि आपने हमें आश्वासन दिया था और आपने वास्तव में इसे किया है.’
भारत ने कैसे बिछाई बिसात
जी20 में अफ्रीकी संघ को शामिल करने का विचार इस साल जून में पहली बार सामने आया था. तब जी20 के अध्यक्ष के नाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदस्य देशों के नेताओं को पत्र लिखकर इस प्रस्ताव को पेश किया था. बताया जा रहा है कि यह विचार इस साल जनवरी में ‘वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन के बाद ही शुरू हो गया था, जिसमें अफ्रीकी महाद्वीप के 55 देशों में से अधिकांश ने भाग लिया था. बाद में इस चर्चा को इथियोपिया के अदीस अबाबा में आगे बढ़ाया गया, जहां अफ्रीकी संघ का मुख्यालय है. अब तक जी20 में पूरे अफ्रीकी महाद्वीप से केवल एक ही सदस्य देश था- दक्षिण अफ्रीका.