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कौन हैं भारत के जी20 शेरपा, जिनकी तारीफ करने से शशि थरूर भी खुद को रोक नहीं पाए

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने यूक्रेन युद्ध पर चीन और रूस के साथ “बातचीत” के लिए जी20 नेताओं की आम सहमति बनाने को लेकर भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत की प्रशंसा की. केरल से लोकसभा सांसद ने अपने आधिकारिक एक्स (पहले ट्विटर) अकाउंट पर कहा कि यह जी20 में भारत के लिए एक “गौरव का पल” है.

1980-बैच के आईएएस अधिकारी हैं अमिताभ कांत
एनडीटीवी के मुताबिक, केरल कैडर के 1980-बैच के आईएएस अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि रूस के यूक्रेन के साथ युद्ध पर विभाजित रुख पर जी20 नेताओं की एक संयुक्त विज्ञप्ति सुनिश्चित करने के लिए लगभग 200 घंटे की “नॉनस्टॉप वार्ता” की जरूरत थी. उन्होंने कहा कि यह घोषणा कई दौर की बातचीत का नतीजा थी, जिसमें विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के साथ युद्ध के आर्थिक प्रभाव के बारे में चर्चा से लेकर रूस और चीन के साथ द्विपक्षीय बैठक शामिल थी. इसके बाद जाकर शुक्रवार देर रात तक सहमति बन पाई थी.

अमिताभ कांत ने बताया, कितनी मुश्किलें आईं
नीति आयोग के पूर्व प्रमुख अमिताभ कांत ने यह भी कहा, “शेरपाओं के साथ साझेदारी में काम करना” सबसे अहम था, और यह उभरते बाजारों का एक संयुक्त प्रयास था. जिसका नेतृत्व भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया और बाद में मेक्सिको, तुर्की और सऊदी अरब ने किया. जिसकी वजह से G7 देशों पर दबाव पड़ा और वह एक मेज पर आए. भारत के जी20 शेरपा ने कहा, “करीब 200 घंटे तक लगातार बातचीत चली… बाली पैराग्राफ छिन्न भिन्न हो गया था और हम नौ महीने से संघर्ष कर रहे थे. फिर, एक बैठक में, मैंने एक सादा स्क्रीन लिया और 15 बुनियादी सिद्धांत लिखे, हमें जिनका पालन करने की जरूरत थी. इसके बाद सभी शेरपा इसमें शामिल हुए और अपना नजरिया पेश किया.”

इस तरह बनी आम सहमति
अमिताभ कांत ने कहा, “इस आधार पर हमने पहला मसौदा तैयार किया… वास्तव में किसी को उम्मीद नहीं थी कि हम आम सहमति पर पहुंच पाएंगे. पहले मसौदे पर कई प्रतिक्रियाएं आईं. लोग इस बात को लेकर निराशावादी थे कि हम रूस और यूक्रेन पर आम सहमति पर पहुंच सकते हैं. क्योंकि दुनिया भर में बहुपक्षीय मंच ऐसा करने में विफल रहे हैं. पहले मसौदे से हम दूसरे और फिर तीसरे पर गए. उसके बाद, मुझे लगता है कि प्रत्येक देश के साथ द्विपक्षीय बैठकों से मदद मिली.”