भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अक्टूबर तक इंटरबैंक बॉरोइंग या कॉल मनी मार्केट (Call Money Market) में लेनदेन के लिए प्रायोगिक रूप से डिजिटल रुपये (Digital Rupee) की शुरुआत कर सकता है. आरबीआई के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अजय कुमार चौधरी ने रविवार को यह बात कही.
होलसेल सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (होलसेल सीबीडीसी), जिसे डिजिटल रुपया-होलसेल (e-W) के रूप में जाना जाता है, की शुरुआत एक नवंबर, 2022 को हुई थी. इसका उपयोग सरकारी सिक्योरिटीज में सेकेंड्री मार्केट लेनदेन के निपटान तक सीमित था.
कॉल मार्केट में होलसेल सीबीडीसी की पेशकश
चौधरी ने G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के मौके पर कहा, ‘‘रिजर्व बैंक इस महीने या अगले महीने कॉल मार्केट में होलसेल सीबीडीसी की पेशकश करेगा.’’
होलसेल सीबीडीसी की अपनी पायलट प्रोजक्ट के लिए 9 बैंकों का चयन
आरबीआई ने होलसेल सीबीडीसी की अपनी पायलट प्रोजक्ट के लिए 9 बैंकों – भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी को चुना है.
साल 2022 में पेश किया गया था CBDC
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2022-23 में सीबीडीसी की शुरुआत की घोषणा की थी. फाइनेंस बिल, 2022 के पारित होने के साथ आरबीआई एक्ट 1934 की संबंधित धारा में इसके लिए जरूरी संशोधन किए गए थे. रिजर्व बैंक ने पिछले साल सीबीडीसी या डिजिटल रुपया के इस्तेमाल को लेकर पायलट परीक्षण किया था. शुरुआती दौर में सीबीडीसी के होलसेल इस्तेमाल का परीक्षण किया गया था और बाद में रिटेल उपयोग को भी परखा गया
क्या है डिजिटल रुपया
बता दें कि डिजिटल रुपया, नोट और सिक्कों का डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप है. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है. इसके आने से अब आपको नोट या सिक्के रखने की जरूरत नहीं होगी. ट्रांजैक्शन के लिए आप इस ई रुपये का इस्तेमाल कर सकेंगे. यह ट्रांजैक्शन आपको डिजिटली करना होगा.
कॉल मनी मार्केट क्या है?
कॉल मनी मार्केट भारतीय मनी मार्केट का एक अनिवार्य हिस्सा है, जहां दिन-प्रतिदिन के सरप्लस फंड (ज्यादातर बैंकों के) का कारोबार होता है.