दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में जी-20 समिट का आयोजन सम्पन्न हो चुका है. जी20 का आयोजन कराने के लिए अब अगला नंबर ब्राजील का है. ब्राजील को जी-20 की प्रेजिडेंसी ट्रांसफर होने के एक साल में जी-20 की अध्यक्षता ब्राजील करेगा. इसके साथ ही अगले साल जी-20 का मेजबान भी ब्राजील होगा, जिसमें जी20 की जगह जी21 सदस्य देश शामिल होंगे. पहले प्रेजिडेंसी इंडोनेशिया के पास थी और फिर ये प्रेजिडेंसी भारत के पास रही और अब ये ब्राजील के पास होगी. साल दर साल जी20 देशों के बीच इसकी मेजवानी की अपनी अलग ही प्रक्रिया है.
आखिर जी-20 की प्रेजिडेंसी किस आधार पर एक देश से दूसरे देश के लिए ट्रांसफर होती है? ये कैसे तय होता है कि अगली बार कौनसा देश इसकी मेजबानी करेगा या किसके पास अध्यक्षता रहेगी? जी20 प्रेजिडेंसी ट्रांसफर होने का एक पूरा प्रोसेस है. इसकी मेजबानी हर साल रोटेशन के आधार पर बदलती रहती है. इसी तरह इस बार मेजबानी का नंबर भारत का था. अगली बार ये नंबर ब्राजील का है.
चक्रानुक्रम के हिसाब से 2024 समिट के लिए ब्राजील का नाम तय है. उसके बाद साउथ अफ्रीका का नंबर आएगा. ये हर देश के हिसाब से नहीं बल्कि हर ग्रुप के हिसाब से होता है. हर एक साल बाद दूसरे ग्रुप का नंबर होता है और उस ग्रुप के सदस्य देश को प्रेजिडेंसी ट्रांसफर होती है. जी20 में कुल 20 देशों में पांच ग्रुप हैं और हर एक ग्रुप में चार-चार सदस्य हैं. अब हर ग्रुप का नंबर आता है और उस ग्रुप का एक सदस्य मेजबानी करता है. इनके ग्रुप इस प्रकार हैं.
पहला ग्रुप- ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, सऊदी अरब और अमेरिका,
दूसरा ग्रुप- भारत, रूस, दक्षिण अफ्रीका और टर्की
तीसरा ग्रुप- फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूनाइटेड किंगडम
चौथा ग्रुप- चीन, इंडोनेशिया, जापान और दक्षिण कोरिया
पांचवां ग्रुप- अर्जेंटीना, ब्राज़ील और मैक्सिको
अध्यक्षता ट्रांसफर करने का यह है तरीका
जी20 की अध्यक्षता एक साल के लिए किसी दूसरे देश के पास चली जाएगी और इस अध्यक्षता को ट्रांसफर करने के लिए एक हथौड़े का इस्तेमाल किया जाता है. जब एक प्रधानमंत्री दूसरे देश के प्रधानमंत्री को हथौड़ा सौंप देता है तो इसका मतलब है कि अब अध्यक्षता का ट्रांसफर हो गया है. इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हथौड़ा ब्राजील के राष्ट्रपति लूला को सौंप दिया है, जिसका मतलब है कि प्रेजिडेंसी ट्रांसफर हो गई है.