जी20 समिट के दौरान चीनी प्रतिनिधिमंडल के पास मौजूद सीक्रेट बैग का राज अबतक नहीं खुल पाया है. दिल्ली पुलिस आधिकारिक तौर पर यह कह रही है कि चीनी दूतावास को बैग सौंप दिया गया है और मामला अब समाप्त हो चुका है. हालांकि जांच एजेंसियां अभी भी इस गुत्थी को सुलझाने में लगी हुई हैं. किसी के पास यह जानकारी नहीं है कि इस अजीब से दिखने वाले बैग में ऐसा कौन सा उपकरण था, जिसे होटल रूम में ले जाया जा रहा था और चीनी प्रतिनिधिमंडल इसकी जांच कराने को भी तैयार नहीं था.
एक महिला अधिकारी के नेतृत्व में छह चीनी अधिकारी 12 घंटे तक बैग को स्कैन कराने का विरोध करते रहे, जिसे लेकर टकराव की स्थिति बनी रही. भारतीय जांच एजेंसियां भी अपनी स्थिति पर कायम रही. प्रोटोकॉल के चलते इस बैग की प्लेन से उतरते वक्त जांच नहीं हो पाई थी. वियना कन्वेंशन के चलते एयरपोर्ट पर चैकिंग नहीं हुई. इस बैग का आकार इतना अजीब था कि हर किसी का ध्यान इसने अपनी तरफ खींचा.
चीनी प्रतिनिधिमंडल इस बैग की जांच नहीं कराने पर अड़ा था. ऐसे में जबतक यह बैग होटल में रहा, उस कमरे के बाहर पुलिस के अधिकारी अलग-अलग शिफ्ट में निगरानी करते रहे. गतिरोध बढ़ने पर बाद में इसे विशेष सुरक्षा टीम की मौजूदगी में चीनी दूतावास भेज दिया गया था. सूत्रों ने कहा कि उपकरण की पहचान करने के प्रयास जारी हैं. खुफिया अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं कि क्या वे ‘ऑफ-द-एयर’ जैसा निगरानी और जैमिंग उपकरण था. ऐसा माना जा रहा है कि एक चीनी इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज निगरानी के लिए इन SIG-INT (सिग्नल-इंटेलिजेंस) संग्रहण उपकरणों की आपूर्ति कर रहा है.
होटल ताज में ही ब्राजील के राष्ट्रपति भी रुके थे. पास के होटल आईटीसी मौर्या में जो बाइडन ठहरे हुए थे. एक अधिकारी ने कहा, ‘ऐसा कोई तरीका नहीं था कि हम उन्हें होटल रूम में इस उपकरण को रखने देते, जबतक कि हम पूरी तरह संतुष्ट नहीं हो जाते कि इस उपकरण का क्या इस्तेमाल होने वाला है.’