रेल दुर्घटनाएं रोकने के लिए रेलवे कई कदम उठा रहा है. रेलवे लगातार अपने बुनियादी ढांचे और टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करने में लगा हुआ है. रेलवे ट्रैक को तो अपग्रेड किया ही जा रहा है साथ ही ट्रेन परिचालन को सुरक्षित बनाने के लिए कई सारे एडवांस डिवाइस भी ट्रेनों में लगाए जा रहे हैं. अब नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे (NFR) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित एक ऐसा डिवाइस बना रही है, जो ट्रेनों के लोको पायलट को नींद आने की स्थिति में उसे अलर्ट करेगा. अगर लोको पायलट कोई रिस्पॉन्स नहीं देगा तो यह डिवाइस इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक देगा. यह डिवाइस लोको पायलट की पलकों को ट्रैक करके यह पता लगा लेगी की कहीं ड्राइवर को नींद तो नहीं आ रही है.
इस एआई डिवाइस को रेलवे चालक सहायता सिस्टम (RDAS) का नाम दिया गया है. रेलवे बोर्ड ने नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे को इस डिवाइस को बनाने के लिए कहा है. यह डिवाइस अभी विकसित हो रहा है और इसके कई सारे टेस्ट किए जा रहे हैं. NFR की टेक्निकल टीम अभी इस पर काम कर रही है. उम्मीद है कि अगले कुछ हफ्तों में ये तैयार हो जाएगा.
रेलवे बोर्ड ने काम में तेजी लाने को कहा
रेलवे बोर्ड (Railway Board) ने दो अगस्त को एनएफआर को पत्र लिखकर RDAS के विकास में तेजी लाने के लिए कहा है. रेलवे बोर्ड की योजना एक बार डिवाइस के तैयार हो जाने के बाद इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 20 मालगाड़ी इंजन (WAG9) और पैसेंजर ट्रेन इंजन (WAP7) में लगाने की योजना है. रेलवे के सभी जोन से इस प्रणाली के इस्तेमाल के बाद इसकी कार्यप्रणाली पर अपनी प्रतिक्रिया भी देने को कहा गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर इसमें और सुधार किया जा सके.
कैसे करेगा काम
एआई आधारित रेलवे चालक सहायता सिस्टम (RDAS) लोको पायलट की पलकों को ट्रैक करेगा. यह पलक झपकने के पैटर्न को पढ़ लेगा. जब भी लोको पायलट को झपकी आएगी और उसकी पलकें झपकना बंद हो जाएंगी तो डिवाइस एक अलर्ट साउंड भी बजाएगा. इसके बाद भी अगर लोको पायलट एक्टिव नहीं होगा तो यह डिवाइस इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक देगा. इमरजेंसी ब्रेक लगाने के लिए RDAS को एक विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस के साथ जोड़ा जाएगा.