जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके के गाडोले में बुधवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर, एक मेजर रैंक के अधिकारी और एक पुलिस उपाधीक्षक शहीद हो गए. इनमें 2016 में आतंकवादी बुरहान वानी को ढेर करने वाले कर्नल मनप्रीत सिंह भी शामिल हैं. कर्नल मनप्रीत सिंह बहादुरी की मिसाल रहे हैं और 2 साल पहले उन्हें सेना मेडल से सम्मानित किया गया था. 2021 में अंधाधुंध गोलीबारी करने वाले आतंकवादियों को तत्कालीन लेफ्टिनेंट कर्नल मनप्रीत सिंह के नेतृत्व में उनकी बटालियन ने ढेर कर दिया था.
अनंतनाग आतंकी मुठभेड़ में एक बार फिर सेना के जांबाज अफसर कर्नल मनप्रीत सिंह ने घुसपैठ करने वाले आतंकियों की घेराबंदी की, लेकिन वह दुश्मनों से देश की रक्षा करते हुए बुधवार को शहीद हो गए. परिजनों ने बताया कि कर्नल मनप्रीत ने कई बार अदम्य साहस का परिचय देते हुए दुश्मनों के छक्के छुड़ाए थे. इस बहादुरी के लिए भारतीय सेना ने उन्हें सेना मेडल प्रदान किया था. उनकी मां मनजीत कौर ने बताया कि मनप्रीत बचपन से ही पढ़ने में होशियार था. उनकी पढ़ाई मुल्लांपर स्थित एयरफोर्स स्टेशन के पास केंद्रीय विद्यालय में हुई थी. उन्होंने देश सेवा के लिए सेना में जाने का रास्ता चुना था.
2003 में बने थे लेफ्टिनेंट कर्नल
कर्नल मनप्रीत सिंह का आतंकियों से सामना कोई पहली बार नहीं हुआ है. पहले भी वह बुरहान वानी जैसे आतंकियों को मार गिरा चुके हैं. वह वर्ष 2003 में सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल बने थे. वर्ष 2005 में उन्हें कर्नल के पद पर पदोन्नत किया गया था. उनके छोटे भाई संदीप सिंह के मुताबिक कर्नल मनप्रीत सिंह वर्ष 2019 से 2021 तक सेना में सेकंड इन कमांड के तौर पर तैनात थे. बाद में उन्होंने कमांडिंग अफसर के रूप में काम किया.
टीचर हैं कर्नल की पत्नी
कर्नल मनप्रीत सिंह की पत्नी जगमीत कौर मोरनी में शिक्षिका हैं. वह 7 साल के बेटे कबीर और ढाई साल की बेटी वाणी के साथ पंचकूला के सेक्टर-26 में रहती हैं. कर्नल मनप्रीत की ससुराल भी पंचकूला में ही है. परिजनों की मानें तो उन्होंने कर्नल की पत्नी जगमीत कौर को पति के शहीद होने की बात को छुपाते हुए उन्हें उनके घायल होने की जानकारी दी है. पार्थिव शरीर आने पर उन्हें इसकी जानकारी दे दी जाएगी.