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G20 तो झांकी है, अभी यह समिट बाकी है! भारत करेगा एक और सम्मेलन की मेजबानी, चीन को होगी टेंशन, जानें मोदी सरकार का प्लान

पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में भारत ने हाल ही में दिल्‍ली में जी20 शिखर सम्‍मेलन का सफल आयोजन किया है. जी20 बस एक झांकी है, जल्‍द ही भारत में एक और बड़ा अंतरराष्‍ट्रीय शिखर सम्‍मेलन होने वाला है. अमेरिका और ऑस्‍ट्रेलिया जैसे दुनिया के बड़े देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्ष इस सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेंगे. जी20 के बाद अब भारत में QUAD देशों की बैठक होनी है. भारत के पास क्‍वाड की मेजबानी का जिम्‍मा है. इसकी सूचना स्‍वयं पीएम मोदी ने ही लोगों को दी थी. क्‍वाड सम्‍मेलन के दौरान जापान, अमेरिका और ऑस्‍ट्रेलिया जैसी महाशक्तियों के बड़े नेताओं की जमघट दिल्‍ली में लगने वाली है. इस बैठक से पड़ोसी देश चीन को टेंशन होना तय है.

रूस-युक्रेन युद्ध के बीच जी20 के मंच पर दिल्‍ली में अमेरिका, चीन और रूस जैसे बड़े देशों के अध्‍यक्ष मौजूद थे. इतने मतभेदों के बावजूद पीएम मोदी सभी को दिल्‍ली डिक्‍लेरेशन के लिए मनाने में सफल रहे. क्‍वाड शिखर सम्‍मेलन का आयोजन किन तारीखों पर होगा, इसे लेकर अभी स्थिति स्‍पष्‍ट नहीं है. माना जा रहा है कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले नए साल की शुरुआत में क्‍वाड देशों की बैठक दिल्‍ली में हो सकती है.

QUAD से चीन को क्‍यों होगी टेंशन?
इस ग्रुप का गठन प्रशांत महासागर में चीन के आधिपत्य को कम करने के लिए किया गया है. ड्रैगन पूरे दक्षिणी चीन सागर को अपना बताता है. हिन्‍द-प्रशांत क्षेत्र में शांति और सुरक्षित व्‍यापार के मद्देनजर क्‍वाड ग्रुप बनाया गया है. चीन खुले तौर पर क्‍वाड का विरोध करता है. रूस भी क्‍वाड को उसके खिलाफ मानता है. रूस का मानना है कि क्‍वाड का गठन चीन और रूस के खिलाफ विभाजनकारी और विशिष्टतावादी नीति के तहत किया गया है.

जापान में हुआ पिछला QUAD सम्‍मेलन
इसी साल बीती 20 मई को जापान के हिरोशिमा में जी7 शिखर सम्मेलन हुआ था. इसके इतर क्‍वाड की बैठक में जो बाइडन के साथ जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, ऑस्‍ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज के साथ पीएम नरेंद्र मोदी जुड़े थे. तब सभी इस बात पर सहमत हुए थे कि 2024 में भारत में क्‍वाड का अगला शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. पीएम मोदी ने भारत में क्‍वाड की अगली बैठक होने की जानकारी दी थी.