शेयर मार्केट में इस हफ्ते आईपीओ की भरमार है. कुछ कंपनियों के शेयर लिस्ट हो रहे हैं तो कुछ के आईपीओ लॉन्च हो रहे हैं. लिस्ट होने वाली कंपनियों में EMS नाम की कंपनी भी शामिल है. ईएमएस लिमिटेड का पुराना नाम ईएमएस इंफ्रकॉन है और ये कंपनी वॉटर व वेस्ट वॉटर के कलेक्शन, ट्रीटमेंट और डिस्पोजल के लिए सेवाएं देती है. कंपनी 321 करोड़ रुपये का आईपीओ लाई थी. इसके आईपीओ में ओएफएस (ऑफर फोर सेल) और फ्रेश इश्यू दोनों शामिल हैं. इसका मतलब है कि कंपनी नए शेयर भी जारी कर रही है और पुराने शेयरधारक अपने शेयर भी बेच रहे हैं.
कंपनी 69.31 लाख नए शेयर जारी कर रही है. 211 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से इसकी कुल वैल्यू 146.24 करोड़ रुपये हुई. इसके अलावा 175 करोड़ रुपये के शेयर इसके मौजूदा शेयरधारक बेचेंगे. कंपनी ने प्रति शेयर की प्राइस लिमिट 200 से 211 रुपये तय की थी. आपको बता दें कि कंपनी के प्रमोटर अपने सारे शेयर ओएफएस के माध्यम से बेच रहे हैं. यह इश्यू 8 सितंबर 2023 को सब्सक्रिप्शन के लिए लॉन्च हुआ था. 12 सितंबर को शेयरों के लिए बोली रुक गई थी. शेयरों का अलॉटमेंट हो चुका है और 21 सितंबर को इसके लिस्ट होने की उम्मीद है.
क्या चल रहा है जीएमपी?
ग्रे मार्केट में कंपनी के शेयरों के शेयर 88 रुपये के प्रीमियम पर मिल रहा है. यानी प्राइस लिमिट के ऊपरी बैंड पर देखा जाए तो 18 सितंबर के जीएमपी के हिसाब से यह शेयर बाजार में 299 रुपये पर लिस्ट हो सकता है. बता दें कि शेयर के जीएमपी में लगातार गिरावट देखी गई है. इसके बावजूद यह शेयर करीब 90 रुपये के प्रीमियम पर लिस्ट होने की अग्रसर है. इस महीने की शुरुआत में 1 सितंबर को शेयरों का जीएमपी 103 रुपये था. उसके बाद इसमें बढ़त देखी गई और 10 सितंबर तक यह 127 रुपये तक पहुंच गया. हालांकि, इसके बाद जीएमपी में गिरावट शुरू हुई और अभी 88 रुपये हो गया है. अगर किसी को इस आईपीओ में 1 लॉट शेयर (70 शेयर) भी अलॉट हुए होंगे तो उसे लिस्टिंग के साथ ही करीब 6000 रुपये का फायदा होगा.
क्या होता है जीएमपी?
जीएमपी (ग्रे मार्केट प्रीमियम) किसी शेयर की लिस्टिंग को लेकर बाजार में चल रहे कयासों पर आधारित होता है. अनौपचारिक तौर पर बाजार में उस शेयर को कितने रुपये पर बेचा व खरीदा जाएगा यही जीएमपी से पता लगता है. हालांकि, जीएमपी शेयरों की लिस्टिंग की स्थिति का पता लगाने के लिए सटीक पैमाना नहीं होता है. इसलिए जानकार सलाह देते हैं कि आईपीओ में शेयरों की खरीदारी कंपनी की वित्तीय और उस समय पूरे बाजार का मूड देखकर करनी चाहिए. भेल ही जीएमपी अनौपचारिक तरीका हो लेकिन यह जरूर देखा गया है कि अधिकांश मामलों में जीएमपी के आसपास ही शेयरों की लिस्टिंग होती है.