केंद्र सरकार की तरफ से मंगलवार को नए संसद भवन में पेश किए गए महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) पर लोकसभा में चर्चा जारी है. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विधेयक पर लोकसभा में चर्चा की शुरुआत में कहा कि ये बिल महत्वपूर्ण है. महिलाओं के उत्थान के लिए ये बिल लाया गया है. बिल के पास होने से सीटों के साथ भागीदारी बढ़ेगी. महिलाओं को समानता मिलेगी. वहीं सोनिया गांधी ने चर्चा में अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस इस बिल के साथ है. ये मेरी जिंदगी का मार्मिक क्षण है. राजीव गांधी ये बिल लेकर आए थे. यह उनका अधूरा सपना है.
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल के चर्चा में हिस्सा लेते हुए लालगंज से बहुजन समाज पार्टी की सांसद ने कहा कि बसपा केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए इस विधेयक के समर्थन में है. हालांकि इस दौरान उन्होंने अपनी पार्टी की कुछ शर्तों को भी रखा.
लोकसभा पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा, ‘मैं इस(महिला आरक्षण बिल) बिल के समर्थन में खड़ी हूं. जोकि पहले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पश्चिम बंगाल में लागू किया जा चुका है. पश्चिम बंगाल देश का एक मात्र ऐसा राज्य है, जहां एक महिला मुख्यमंत्री हैं जबकि देश के 16 राज्यों में भाजपा की सरकार होने के बावजूद इनमें से किसी भी राज्य में महिला मुख्यमंत्री नहीं है. ममता बनर्जी ने महिलाओं के हित के लिए बुलंद तरीके से अपनी आवाज़ उठाई है. विशेष रूप से भारतीय विधानसभा में हमारे पास देश में किसी और विधानसभाों की तुलना में सबसे अधिक महिलाएं हैं, हमारे यहां ममता बनर्जी के साथ-साथ कई महिला मंत्री है.’
महिला आरक्षण बिल पर चर्चा करते हुए लोकसभा में टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा, ‘महिलाएं पुरुषों के बराबर हैं. बल्कि हम महिलाएं पुरुषों से ज्यादा बेहतर हैं.’
महिला आरक्षण बिल पर चर्चा करते हुए लोकसभा में टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा, ‘महिलाएं पुरुषों के बराबर हैं. बल्कि हम महिलाएं पुरुषों से ज्यादा बेहतर हैं.’
शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने महिला आरक्षण बिल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘जितना उत्साह और खुशी कल थी, सरकार ने उसपर पानी फेर दिया. जनगणना के बाद परिसीमन होकर इस बिल को लागू किया जाएगा. अगले 5-6 साल तक ये लागू होने वाला नहीं है. जब आप(केंद्र सरकार) इसे लागू ही नहीं कर रहे तो आप इस बिल को लेकर क्यों आए?
टीएमसी की डॉ काकोली घोष ने लोकसभा में अपने संबोधन में महिला आरक्षण बिल पर सवाल उठाए. उन्होंने संसद में बृजभूषण सिंह और बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा, ‘वे नारी शक्ति की बात करते हैं लेकिन हमारी स्वर्णिम पहलवानों का यौन शोषण करने वाला संसद में बैठा है.’