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कनाडा में खालिस्तानी आतंकी सुखदूल सिंह की हत्या, भारत में था मोस्ट वांटेड, बंबीहा गैंग के लिए करता था काम

गैंगस्टर सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनेके की कनाडा के विन्निपेग में अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी. वह कई अपराधों में वांटेड था और 2017 में पंजाब से कनाडा भाग गया था. पंजाब पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, सुक्खा खालिस्तान समर्थक ताकतों के साथ जुड़ गया था. खुफिया इनपुट के मुताबिक सुक्खा दविंदर बंबीहा गैंग का गैंगस्टर था और पंजाब के मोगा का रहने वाला था. सूत्रों ने बताया कि कनाडा के विन्निपेग में अंतर-गिरोह प्रतिद्वंद्विता में उसकी हत्या हुई है.

दुनेके पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में देविंदर बंबीहा गिरोह को संचालित करता था, फाइनेंस जुटाता था और मजबूत कर रहा था. वह फर्जी पासपोर्ट पर 2017 में कनाडा भाग गया था. सूत्रों ने न्यूज18 को बताया कि उसका झुकाव खालिस्तान समर्थक संगठनों की ओर भी था, लेकिन वह ज्यादातर जबरन वसूली और ‘सुपारी किलिंग’ की वारदातों में शामिल था. सुक्खा दुनेके अपने सहयोगियों और राज्य में मोस्ट वांटेड सूची में शामिल अपराधियों के माध्यम से पंजाब और आसपास के प्रांतों में अपराधों को अंजाम दे रहा था.

सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनेके पंजाब में अपराधों की साजिश रच रहा था
पिछले साल 14 मार्च को सुक्खा दुनेके ने जालंधर के मल्लियां गांव में एक मैच के दौरान अपने साथियों की मदद से कबड्डी खिलाड़ी संदीप सिंह नंगल की हत्या की साजिश रची थी. उसके खिलाफ पंजाब और आसपास के राज्यों में हत्या और अन्य जघन्य अपराधों के 20 से अधिक मामले दर्ज थे.

कनाडा में ‘समूहों के बीच अंतर-गिरोह प्रतिद्वंद्विता के कारण’ हो रहीं हत्याएं
शीर्ष खुफिया सूत्रों ने कहा कि कनाडा में हो रहीं ये हत्याएं गैंगस्टर समूहों के बीच अंतर गिरोह प्रतिद्वंद्विता के कारण हैं. सूत्रों ने कहा कि ये गैंगस्टर ग्रुप पैसे की खातिर खालिस्तानी आंदोलन का मालिक बनना चाहते हैं. यह और कुछ नहीं बल्कि गुरुपतवंत सिंह पुन्नू और अन्य लोगों द्वारा इमीग्रेशन बिजनेस को नियंत्रित करने का एक प्रयास है. वे इन लोगों को मारने के लिए स्थानीय गैंगस्टरों को नियुक्त करते हैं, क्योंकि उनकी उपयोगिता खत्म हो गई है. सूत्रों ने News18 को बताया कि कनाडा बेस्ड खालिस्तान समर्थक समूहों को एक और डर यह है कि उन्होंने हरदीप सिंह निज्जर और सुखदूल सिंह सुक्खू जैसे गैंगस्टरों की ओर से भारत में जो कुछ भी वारदातें करवाई हैं, वे उसका खुलासा कर देंगे. खालिस्तानी समूह युवाओं की भावनाओं और मजबूरियों का शोषण कर रहे हैं और फर्जी भारत विरोधी प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं.

खालिस्तानियों का PAK-कनाडा नेक्सस दे रहा भारत विरोधी प्रोपेगेंडा को हवा
पता चला है कि पाकिस्तान की आईएसआई कनाडा में भारी फंडिंग कर रही है. सूत्रों ने कहा कि कनाडा में सभी खालिस्तानी नेताओं, खासकर खालिस्तानी लिबरल पार्टी और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी को वैंकूवर में आईएसआई एजेंटों से नियमित धन मिल रहा है. सूत्रों ने कहा, इमीग्रेशन के बहाने वे छात्रों से पैसे ले रहे हैं और उनका इस्तेमाल भारत विरोधी प्रचार के लिए कर रहे हैं. बड़ी संख्या में छात्र कनाडा आए हैं और वापस नहीं जाना चाहते. उन्हें कनाडा में बनाए रखने के लिए ये खालिस्तानी समूह भारतीय उच्चायोग के सामने प्रचार और विरोध प्रदर्शन के लिए उनका इस्तेमाल कर रहे हैं.

उपर्युक्त सूत्रों ने कहा कि पुराने कनाडाई इन खालिस्तानियों का समर्थन नहीं कर रहे हैं, हालांकि, नए समूह अपने लाभ के लिए इन लोगों के साथ हैं. खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में किसानों के विरोध प्रदर्शन को कनाडाई और पाकिस्तानी सरकारों ने भी बढ़ावा दिया था. लाल किले पर झंडा फहराने की घटना के पीछे कनाडा के लोगों का हाथ पाया गया है. उन्होंने इन राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के लिए भारत में बड़ी संख्या में ड्रग्स के आदी लोगों की पहचान की. बता दें कि साल 2021 में 26 जनवरी के दिन किसान आंदोलन में शामिल कुछ अराजक तत्वों ने दिल्ली में लाल किले पर धावा बोल दिया था.