कनाडा में इसी साल जून में मारे गए खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक़ साल 2014-15 में निज्जर पाकिस्तान गया था जहां उसकी खालिस्तान टाइगर फ़ोर्स (केटीएफ) के आंतकी जगतार सिंह तारा जो कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत की हत्या में वांछित था, से मुलाक़ात हुई थी और इसके बाद से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने हरदीप को भारत विरोधी गतिविधियों के लिए अपने एसेट बना लिया.
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक़ 2015 में आईएसआई इस मामले में खुलकर सामने आई जब उसने ब्रिटिश कोलंबिया के मिसिजेन हिल्स में खालिस्तान समर्थित सिख कट्टरपंथियों को ट्रेनिंग देने के काम में मदद की. निज्जर का संबंध बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादी जगतार सिंह के साथ भी था.
यही नहीं, उसका 1981 में इंडियन एयर लाइन्स हाईजैक करने वाले दल और खालसा लीडर गजेंदर सिंह से भी जुड़ा हुआ था. साल 2018 में तत्कालीन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादियों की लिस्ट सौंपी थी, जिसमें हरदीप सिंह निज्जर का नाम भरी शामिल था.
फेक पासपोर्ट के ज़रिए भारत से भागा था निज्जर
10 नवंबर 1977 को जन्मे निज्जर कट्टर अलगाववादी गुट खालिस्तान टाईगर से संबंध रखता था, लेकिन आपातकाल के दौरान 90 के दशक की शुरुआत में निज्जर के भाई को गिरफ़्तार किया गया और साल 1995 में हरदीप सिंह को भी उसी आरोप में पुलिस ने गिरफ़्तार किया. इसके बाद 19 फ़रवरी 1997 को रवि शर्मा नाम के फ़र्ज़ी पासपोर्ट के जरिए वह भारत से भागने में सफल हुआ, लेकिन कनाडा के टोरंटो एयरपोर्ट पर उसे अधिकारियों ने पकड़ लिया.
निज्जर को कैसे मिली कनाडा की नागरिकता?
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक़ निज्जर ने खुद पर भारत में पुलिस बर्बरता का झूठ बोल कनाडा से शरण मांगी, लेकिन वो भी ख़ारिज कर दी गई. बाद में उसने एक ब्रिटिश कोलंबियन महिला से शादी की और उसने इमिग्रेशन स्पॉन्सर किया, लेकिन कनाडा के अधिकारियों ने उस इमिग्रेशन को भी रिजेक्ट कर दिया क्योंकि उन्हें इस बात का शक था कि शादी झूठी है और इमिग्रेशन हासिल करने के लिए ऐसा किया गया है. चौंकाने वाली बात तो ये है कि बाद में निज्जर को कनाडा की नागरिकता दे दी गई.