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आयकर विभाग ने पिछले रिफंड के निपटान के लिए मांगा जवाब, कहा- दिया जा रहा बात रखने का मौका

आयकर विभाग ने शनिवार को करदाताओं से वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रिफंड के तेजी से निपटान के लिए पिछले वर्षों की बकाया मांगों के संबंध में मांगी गई सूचना का जवाब देने को कहा. कुछ करदाताओं ने पिछली लंबित रिफंड मांगों के संबंध में आयकर विभाग द्वारा सूचना मांगने के बारे में सोशल मीडिया पर लिखा, जिसके बाद विभाग ने सोशल मीडिया मंच X पर कहा, “यह कदम करदाताओं के भले के लिए है, जहां प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप उन्हें अवसर दिया जा रहा है.”

विभाग ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में अर्जित आय के लिए 7.09 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए हैं. इनमें से 6.96 करोड़ आईटीआर सत्यापित किए जा चुके हैं, और 6.46 करोड़ रिटर्न अब तक संसाधित किए जा चुके हैं. इनमें 2.75 करोड़ रिफंड रिटर्न भी शामिल हैं. आयकर विभाग ने कहा, “हालांकि, ऐसे कुछ मामले हैं, जिनमें करदाता को रिफंड बकाया है, लेकिन पिछली मांगें पूरी नहीं की गई हैं.”

क्या कहा टैक्स विभाग ने
आयकर विभाग ने कहा है कि वह रिफंड की मांगों को पूरा करने के लिए पूरा प्रयास कर रहा है. बकौल विभाग, ” कुछ लोगों का रिफंड बाकी रह गया और पिछली मांगें भी बाकी हैं. आयकर अधिनियम, 1961, की धारा 245(1) यह सुनिश्चित करती है कि पहले से मौजूद मांगों को एडजस्ट करने से पहले करदाता को अपनी बात रखने का मौका दिया जाए. आयकरदाता को मांग के स्टेटस सहमत या असहमत होना होता है या फिर सफाई देनी होती है.” एक खबर के अनुसार, इससे पहले टैक्स विभाग पुरानी रिफंड की मांगों को बगैर किसी छानबीन के पास कर दिया करता था. विभाग द्वारा की गई पोस्ट पर कई लोगों ने आक्रोश भरे कमेंट्स भी किये.

क्या है आईटीआर फाइलिंग की स्थिति
इस साल करीब 7.1 करोड़ आईटीआर फाइल हुए हैं जिसमें से 2.7 करोड़ करदाताओं ने रिफंड की मांग की है. समीक्षाधीन वर्ष 2023-23 में फाइल हुए 7.09 करोड़ आईटीआर में से 6.96 करोड़ आईटीआर वैरिफाई किये जा चुके हैं. इसमें से 6.46 करोड़ आईटीआर प्रोसेस हो चुके हैं और 2.75 करोड़ रिफंड जारी किये जा चुके हैं.