केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज पंजाब के अमृतसर में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 31वीं बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के अलावा दिल्ली, जम्मू कश्मीर और लद्दाख के उपराज्यपाल ने हिस्सा लिया. अमित शाह ने इस दौरान कहा कि मोदी सरकार सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है और जल्द ही हमारे देश की सीमाओं पर एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किया जाएगा. पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार को नारकोटिक्स और आतंकवाद पर नकेल कसने में कामयाबी मिली है. पिछले 5 सालों में क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका सलाहकार से बदलकर एक्शन प्लेटफॉर्म के रूप में कारगर साबित हुई है.
गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि उत्तरी क्षेत्रीय परिषद का देश के विकास और सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है, देश की 21 प्रतिशत भूमि और 13 प्रतिशत जनसंख्या के साथ 35 प्रतिशत से अधिक खाद्यान्न उत्पादन उत्तरी क्षेत्र में होता है. देश की सीमाओं की रक्षा के लिए केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और सेना में सबसे अधिक जवान उत्तरी क्षेत्रीय परिषद में शामिल राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों से आते हैं. सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के प्रति मोदी सरकार कटिबद्ध है, जल्द ही हमारी सीमाओं पर एंटी-ड्रोन प्रणाली की तैनाती होगी.
गृह मंत्री ने उत्तरी क्षेत्रीय परिषद के सभी सदस्य राज्यों से पानी के बंटवारे संबंधी आपसी विवादों को खुले मन और आपसी विमर्श से सुलझाने का अनुरोध किया. गृहमंत्री ने सहकारिता, स्कूली बच्चों की ड्रॉप आउट दर और कुपोषण जैसे मुद्दों को प्राथमिकता बताते हुए सभी सदस्य राज्यों से इन पर खास ध्यान देने को कहा. देश में एक भी बच्चा कुपोषित नहीं रहना चाहिए, स्कूल ड्रॉप आउट दर को कम करने की जिम्मेदारी हम सबकी है, सहकारिता आंदोलन को गति देने से देश के 60 करोड़ से अधिक लोगों को समृद्धि की ओर ले जाने में मदद मिलेगी.
ऑर्गेनिक खेती पर जोर
अमित शाह ने सभी सदस्य राज्यों से प्राकृतिक और ऑर्गेनिक खेती को अपनाने का अनुरोध किया. केन्द्रीय गृह मंत्री के आह्वान पर उत्तरी क्षेत्रीय परिषद ने चंद्रयान-3 की शानदार सफलता, G20 सम्मेलन और विश्व कल्याण में भारत के नेतृत्व की पूरी दुनिया में प्रशंसा और संसद द्वारा ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक पारित किए जाने का करतल ध्वनि से स्वागत किया.