कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) के एक करीबी भारतीय मूल के सरे से सांसद सुखमिंदर उर्फ सुख सिंह धालीवाल (Sukhminder Singh Dhaliwal) ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या के मामले में भारत सरकार को सभी तरह की मदद का भरोसा दिया है. सरे से कनाडाई सांसद सुखमिंदर उर्फ सुख सिंह धालीवाल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के साथ करीबी संबंध होने के आरोप से भी घिरे हैं. माना जा रहा है कि आईएसआई कथित तौर पर कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल हो सकती है. बहरहाल जस्टिन ट्रूडो के करीबी सहयोगी सांसद ने इन आरोपों को खारिज कर दिया.
सुखमिंदर धालीवाल कनाडा की इमीग्रेशन कमेटी के चेयरपर्सन भी हैं. सुखमिंदर धालीवाल ने News18 को विशेष रूप से बताया कि ‘एक संसद सदस्य के रूप में मैं विदेशी एजेंसियों के किसी भी सदस्य के करीब नहीं रहूंगा. जो कोई भी आपको यह जानकारी दे रहा है वह पूरी तरह से गलत और गैर-जिम्मेदार है.’ यह पूछे जाने पर कि 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन से कनाडा लौटने के बाद ट्रूडो ने निज्जर की हत्या का मामला क्यों उठाया? धालीवाल ने इस दावे का खंडन किया और कहा कि कनाडाई पीएम की भारत यात्रा से पहले उनकी सरकार ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ यह मुद्दा उठाया था.
कनाडा आने के बाद गर्मियों की छुट्टी के बाद जब संसद शुरू हुई तो पहले ही दिन जस्टिन ट्रूडो ने बयान दिया कि निज्जर की हत्या में एक विदेशी एजेंट शामिल था. यह पूछे जाने पर कि वह ‘विदेशी एजेंट’ आईएसआई भी हो सकता है, तो धालीवाल ने कहा कि यह स्पष्ट है कि ‘भारतीय एजेंसी’ निज्जर की हत्या में शामिल थी. आरोप लगाने के बावजूद कनाडाई सरकार ने अब तक निज्जर की हत्या में भारत के एजेंटों के शामिल होने के अपने आरोपों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया है. यहां तक कि जब धालीवाल से भी यही सवाल पूछा गया तो वह लड़खड़ा गए.
सुखमिंदर धालीवाल ने मामले को टालते हुए कहा कि ‘एक सबूत है जिसे अदालत में पेश किया जाएगा. ट्रूडो न्याय प्रणाली को बिगाड़ना नहीं चाहते. वह न्याय में दृढ़ विश्वास रखते हैं. कनाडा के प्रधानमंत्री ऐसा कोई बयान नहीं देंगे.’ धालीवाल ने जोर देकर कहा कि फाइव आइज संगठन कनाडा के साथ खड़ा है. फाइव आइज एक गठबंधन है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूके, यूएस और न्यूजीलैंड शामिल हैं. जो एक दूसरे के साथ खुफिया जानकारी शेयर करते हैं. गौरतलब है कि भारत सरकार ने बार-बार ट्रूडो सरकार के साथ कनाडा में सक्रिय कुख्यात भारतीय आपराधिक गिरोहों का मुद्दा उठाया है. जिसके लिए नई दिल्ली ने ओटावा को 24 पत्र भी भेजे हैं. इस पर धालीवाल ने कहा कि अगर भारत सरकार उन्हें सबूत देती है, तो ट्रूडो सरकार सहयोग करेगी.