भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस सप्ताह के अंत में पेश होने वाली मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में रेपो रेट (Repo Rate) को 6.5 फीसदी पर यथावत रख सकता है. इसका मतलब है कि रिटेल और कॉरपोरेट कर्जदारों के लिए ब्याज दरें स्थिर रह सकती हैं.विशेषज्ञों ने यह राय जताई है.
फरवरी के बाद से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं
रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने मई, 2022 में रेपो रेट बढ़ाना शुरू किया था और इस साल फरवरी में यह 6.5 फीसदी पर पहुंच गई थी. इसके बाद से लगातार पिछली 3 द्विमासिक एमपीसी बैठकों में रेपो रेट को स्थिर रखा गया.
4 अक्टूबर को शुरू होगी एमपीसी बैठक
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली 6 सदस्यीय मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की तीन दिन की बैठक 4 अक्टूबर को शुरू होगी. बैठक के नतीजों का ऐलान 6 अक्टूबर को होगा.
6.5 फीसदी पर बरकरार रखी जा सकती है रेपो रेट
बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा, ‘‘इस बार की मॉनेटरी पॉलिसी में मौजूदा दर संरचना के साथ ही नीतिगत रुख के जारी रहने की संभावना है. इसलिए रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार रखी जाएगी. रिटेल महंगाई अब भी 6.8 फीसदी के उच्च स्तर पर है और सितंबर और अक्टूबर में इसमें कमी आने की उम्मीद है, लेकिन खरीफ प्रोडक्शन को लेकर कुछ आशंकाएं हैं, जिससे कीमतें बढ़ सकती हैं.’’
इक्रा लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और ग्रुप हेड (फाइनेंशियल सेक्टर रेटिंग) कार्तिक श्रीनिवासन ने भी उम्मीद जताई कि एमपीसी नीतिगत दर को स्थिर रखेगी. उन्होंने कहा कि सितंबर के दूसरे पखवाड़े में नकदी में जो सख्ती देखी गई, वह जारी रहने की संभावना नहीं है. खासकर पिछली पॉलिसी रिव्यू में लागू की गई वृद्धिशील सीआरआर से नकदी जारी होगी.