रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 अक्टूबर से क्रेडिट और डेबिट कार्ड से जुड़े नियम बदल दिए हैं. अगर आपको भी नया क्रेडिट या डेबिट कार्ड बनवाना है तो इस नियम की जानकारी होना जरूरी है. आरबीआई ने सभी बैंकों को भी इस बारे में निर्देश भेज दिए हैं. नए नियम के मुताबिक, अब कोई भी बैंक अपनी मर्जी ग्राहकों पर नहीं थोप सकेगा और ग्राहक अपने हिसाब से कार्ड बनवा सकेंगे.
आरबीआई ने कहा है कि 1 अक्टूबर, 2023 से डेबिट, क्रेडिट या प्रीपेड कार्ड बनवाते समय ग्राहक अपने सर्विस प्रोवाइडर को खुद चुन सकेंगे. ग्राहक के बताए अनुसार ही बैंकों को सर्विस प्रोवाइडर चुनकर देना होगा. बैंक अपनी मर्जी से कोई भी सर्विस प्रोवाइडर से कार्ड बनवाकर ग्राहक को नहीं दे सकते हैं. इसके लिए पहले ग्राहक से ही पूछना होगा और उसके बताए अनुसार ही सर्विस प्रोवाइडर कंपनी चुननी पड़ेगी.
अभी नहीं मिलती आजादी
वर्तमान में क्रेडिट या डेबिट कार्ड बनवाने पर बैंक अपनी मर्जी से सर्विस प्रोवाइडर चुनकर देते हैं. ग्राहकों को अपने लिए सर्विस प्रोवाइडर चुनने की आजादी नहीं होती है. हर बैंक का कार्ड प्रोवाइडर के साथ अपना खास करार होता है और उसी के अनुसार वह ग्राहक को सर्विस प्रोवाइडर उपलब्ध कराता है. अभी देश में वीजा, मास्टरकार्ड, रूपे जैसी कार्ड प्रोवाइडर कंपनियां हैं. भारत में अभी 5 कार्ड प्रोवाइडर कंपनियां हैं. इसमें अमेरिकन एक्सप्रेस, बैंकिंग कॉरपोरेशन, डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल लिमिटेड, मास्टर कार्ड (एशिया/पैसिफिक) रूपे और वीजा वर्ल्डवाइड लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं.
नए नियम ने क्या बदला
आरबीआई के नए नियम लागू होने के बाद ग्राहक अपने सर्विस प्रोवाइडर का नाम चुन सकते हैं. कार्ड इश्यू करने वाली कंपनियां कई नेटवर्क के साथ मिलकर यह ऑप्शन उपलब्ध कराती हैं. ऐसे में ग्राहक अपनी इच्छा अनुसार कार्ड नेटवर्क का चुनाव कर सकेंगे. आरबीआई ने अपने ड्राफ्ट में कहा है कि कार्ड जारी करने से पहले बाईलैटरल एग्रीमेंट होता है. इस एग्रीमेंट में ही ग्राहक से उनकी च्वाइस पूछी जाएगी कि वह किस सर्विस प्रोवाइड से सेवा लेना चाहते हैं.