देश

पासपोर्ट आफिस में डिजीलॉकर के डॉक्यूमेंट नहीं चलेंगे, लेकिन यह तरीका अपनाकर किया जा सकता है मान्‍य

डिजीलॉकर के डॉक्यूमेंट सभी जगह मान्‍य हो सकते हैं, लेकिन अगर आप पासपोर्ट बनवाने जा रहे हैं और डॉक्यूमेंट सत्‍यापन के लिए डिजीलॉकर में रखे पेपर लेकर जा रहे हैं तो यह खबर जरूर पढ़ें, अन्‍यथा परेशानी हो सकती है. आपको पासपोर्ट कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं. यानी आपकी भागादौड़ी बढ़ सकती है. अगर आप डिजीलॉकर के डॉक्यूमेंट को पासपोर्ट आफिस में सत्‍यापित कराना चाह रहे हैं तो इसका आसान तरीका है. आप भी यह तरीका जान कर परेशानी से बच सकते हैं.
विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट बनवाने का तरीका पहले से बहुत आसान कर दिया है. लोग थोड़े से जागरूक होकर सुविधाजनक ढंग से पासपोर्ट बनवा सकते हैं और बार-बार की भागादौड़ी से बच सकते हैं.

गाजियाबाद जिला पासपोर्ट अधिकारी प्रेम सिंह ने बताया कि लोगों को भ्रम है कि डिजीलॉकर के डॉक्यूमेंट पासपोर्ट कार्यालय में मान्‍य नहीं होते हैं. हां, आवेदक डिजीलॉकर के डॉक्यूमेंट कार्यालय में दिखाने के लिए जो प्रक्रिया अपनाते हैं, उस तरह मान्‍य नहीं होते हैं.

उन्‍होंने बताया कि सामान्‍यत लोग पासपोर्ट के लिए आवेदन करते हैं और उस समय विकल्‍प आता है कि आप ओरिजनल डॉक्यूमेंट डिजीलॉकर से दिखाना चाहेंगे, तो लोग इस विकल्प का चयन नहीं करते हैं. अप्‍वाइंटमेंट की डेट में पासपोर्ट कार्यालय जाकर डिजीलॉकर के डॉक्यूमेंट दिखाने की बात कहते हैं. इस वजह से वो मान्‍य नहीं होते हैं. अगर आवेदक आवेदन के समय डिजीलॉकर का विकल्‍प अपनाता है तो डिजीलॉकर का लिंक आवेदन के साथ पासपोर्ट कार्यालय में जाता है. उन स्थितियों में पासपोर्ट कार्यालय में डिजीलॉकर के डॉक्यूमेंट मान्‍य होंगे. अगर आवेदक यह तरीका अपनाएं तो पासपोर्ट बनवाते समय किसी तरह की परेशानी नहीं होगी और आसानी से पासपोर्ट बन जाएगा.

पश्चिमी यूपी के इन जिलों के बनते हैं पासपोर्ट

गाजियाबाद क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के तहत आगरा, अलीगढ़, बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर व शामली जिले आते हैं, जहां के पासपोर्ट बनते हैं.