वीजा रद्द करने के बाद अब भारत सरकार कनाडा के साथ बढ़ते राजनयिक गतिरोध के बीच और अधिक कड़े कदम उठाने पर विचार कर रही है. सूत्रों ने मंगलवार को सीएनएन-न्यूज18 को बताया कि नई दिल्ली जल्द ही कई ऐसे लोगों से विदेशी नागरिकता (ओसीआई) का दर्जा छीन लेगी, जो खालिस्तानी आतंकवाद और चरमपंथ को बढ़ावा दे रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि सरकार मामलों के आधार पर कुछ व्यक्तियों के खिलाफ यह कदम उठा सकती है.
अधिकारियों ने कहा कि केंद्र का दृढ़ विचार है कि खालिस्तानी झंडा उठाना और साथ ही भारत में कृषि संपत्तियों से कमाई एक साथ नहीं चल सकती. उन्होंने कहा कि यह कड़ा कदम विदेशों में भारतीय मिशनों के बाहर हुए विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर उठाया जाएगा.
अधिकारियों ने कहा कि सरकार इस बात से नाराज है कि हाल ही में स्टडी वीजा पर वहां जाने के बाद कुछ छात्रों ने विदेश में भारतीय मिशनों के सामने विरोध प्रदर्शन किया. ओसीआई दर्जा खत्म करने को लेकर केंद्र यह स्पष्ट संदेश देना चाहता है कि देश के प्रति वफादारी को खालिस्तानी समूहों द्वारा कम नहीं किया जा सकता है.
खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को हुई निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित’ संलिप्तता के आरोप लगाए थे. भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था.
भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘निहित स्वार्थों से प्रेरित’ बताकर खारिज कर दिया है. उसने इस मामले में एक भारतीय अधिकारी को कनाडा से निष्कासित किए जाने के बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को भारत से निष्कासित कर दिया. ट्रूडो ने निज्जर की हत्या को लेकर सबसे पहले 18 सितंबर को कनाडाई संसद के निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में सार्वजनिक रूप से आरोप लगाए थे.