सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को लेकर दुनियाभर में कौतूहल बना रहता है. विज्ञान की दृष्टि से देखें तो ये एक खगोलीय घटना है, जो साल-दरसाल होती रहती है. ऐसे में यदि बात करें साल 2023 की तो इस वर्ष 4 ग्रहण हैं, जिसमें 2 लग चुके हैं लेकिन 2 अभी बाकी हैं. इस वर्ष का पहला ग्रहण सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगा था, जोकि एक पूर्ण सूर्य ग्रहण था. वहीं, पहला चंद्र ग्रहण 5-6 मई की रात लगा था जोकि एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण था. अब साल का दूसरा सूर्य ग्रहण और दूसरा चंद्र ग्रहण अक्टूबर माह में 15 दिनों के अंतराल पर लगने वाले हैं. दरअसल, भारत देश में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को लेकर कई प्रकार की मान्यताएं हैं. माना जाता है कि ग्रहण की अवधि में पूजा, मांगलिक कार्य, भोजन बनाना-खाना, गर्भवती महिलाओं का घर से बाहर निकलने की मनाही होती है. अब सवाल है कि अक्टूबर में किन-किन तरीख में सूर्य और चंद्र ग्रहण लग रहा है? सूतक काल का महत्व क्या है?
साल 2023 के सूर्य ग्रहण
ज्योतिष गणना के हिसाब से साल 2023 में पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023, गुरुवार को लगा था. भारतीय समय अनुसार यह सुबह 7:04 से प्रारंभ होकर दोपहर 12:29 पर समाप्त हुआ था. हालांकि, यह ग्रहण भारत में नजर नहीं आने से सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं हुआ था. वहीं, अब साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023, शनिवार के दिन पड़ेगा. यह रात 08 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा और रात 02 बजकर 25 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. यह ग्रहण कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में होगा. यह ग्रहण पश्चिमी अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिका, अंटार्कटिका में दिखाई देगा. यह ग्रहण भी भारत से दिखाई नहीं देगा, इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा. हालांकि, यदि आप चाहें तो एहतियात के तौर पर कुछ सावधानी कर सकते हैं.
साल 2023 के चंद्र ग्रहण
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, साल 2023 में पहला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023 शुक्रवार के दिन लगा था. भारतीय समय के अनुसार यह रात 8:45 से प्रारंभ होकर देर रात 1:00 बजे समाप्त हुआ था. यह चंद्र ग्रहण भारत में नजर आने के कारण सूतक काल 9 घंटे पहले ही प्रारंभ हो गया था. वहीं, अब साल का दूसरा व अंतिम चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर 2023 रविवार के दिन लगेगा. यह ग्रहण रात 1:06 से प्रारंभ होगा और 2:22 पर यह समाप्त हो जाएगा. यह चंद्र ग्रहण एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा. पहले चंद्र ग्रहण की तरह यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, जिससे सूतक काल मान्य होगा. इस दौरान सावधानी बरतनी जरूरी है.
क्यों होता है सूर्य ग्रहण?
सूर्य ग्रहण उस स्थिति में होता है, जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है. ऐसी स्थिति होने पर सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक पहुंच पाना मुश्किल हो जाता है. ऐसा होने से चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ने लगती है, और सूरज का कुछ ही हिस्सा दिखाई देता है. हालांकि, सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं, आंशिक, वलयाकार और पूर्ण सूर्य ग्रहण.
क्यों होता है चंद्र ग्रहण?
सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण दोनों ही एक खगोलीय घटना है. चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है और चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है. इस प्रक्रिया में एक ऐसा भी समय आता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य एक ही सीध में आ जाते हैं. इस स्थिति में सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ता है, लेकिन चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता. इसी घटना को चंद्रग्रहण कहा जाता है.