उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आने के बाद लापता हुए 23 सैन्यकर्मियों में से एक को बचा लिया गया है. सैनिक की हालत अभी स्थिर बताई जा रही है और इलाज जारी है. 22 अन्य सैनिकों की तलाश के लिए अभियान जारी है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.
अचानक आई बाढ़ से आठ लोगों की मौत हो गई है, जबकि अब भी 22 सैन्यकर्मी समेत 48 लोग लापता हैं. उन्होंने बताया कि तीन लोग उत्तरी बंगाल में बह गए. अधिकारियों ने बताया कि चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण स्थिति और बिगड़ गई. बाढ़ मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे आई. गंगटोक के उप जिला मजिस्ट्रेट (एसडीएम) महेंद्र छेत्री ने बताया, “गोलिटार और सिंगताम क्षेत्र से पांच शव बरामद किए गए हैं.”
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि 22 सैन्यकर्मियों के अलावा, 26 नागरिक भी लापता हैं, जबकि 45 लोगों को बचाया गया, जिनमें 18 घायल हैं. एक अधिकारी ने बताया, “राज्य की राजधानी गंगटोक से 30 किलोमीटर दूर सिंगताम में स्टील से बना एक पुल बुधवार तड़के तीस्ता नदी के पानी में पूरी तरह से बह गया। इस पुल को इंद्रेणी पुल के नाम से भी जाना जाता है.”
सिक्किम सरकार ने एक अधिसूचना में इसे आपदा घोषित कर दिया है. रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण झील में जलस्तर अचानक 15 से 20 फुट तक बढ़ गया. उन्होंने बताया था, “सेना के 23 जवानों के लापता होने की सूचना है और 41 वाहन कीचड़ में धंसे हुए हैं.”
प्रवक्ता ने कहा कि संचार व्यवस्था ठप होने के कारण लापता कर्मियों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है. गंगटोक से सिंगताम की ओर ट्रैकिंग के लिए निकले कोलकाता के पर्यटक राजीव भट्टाचार्य (25) ने फोन पर ‘पीटीआई’ को बताया, “हमने घाटी में तेज गति से पानी की एक विशाल लहर को आते देखा… सौभाग्य से, मैं और मेरे दोस्त ऊंची जगह पर थे और अचानक आई बाढ़ से प्रभावित नहीं हुए. अब हम वापस गंगटोक जा रहे हैं.”