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जोरदार विस्फोट से दहली तीस्ता नदी, सिक्किम की बाढ़ में बह गया था सेना का गोला-बारूद, अब फट रहा

सिक्किम के रंगपो में तीस्ता नदी के तट पर कथित तौर पर सेना से संबंधित गोला-बारूद का एक बड़ा जखीरा बह गया जिसके बाद जोरदार विस्फोट हुआ. इस जोरदार धमाके के बाद धुएं का घना बादल छा गया. सेना के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अचानक आई बाढ़ (Sikkim Flood) में गोला-बारूद नदी में बह गया था. हालांकि इस धमाके में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना ने स्थानीय निवासियों को भी सतर्क किया और उनसे अनुरोध किया कि अगर उन्हें कोई हथियार या गोला-बारूद लावारिस पड़ा मिले तो वे अधिकारियों को तुरंत इसकी सूचना दें. इससे पहले गुरुवार को असम के बक्सा जिले का रहने वाला सेना का एक जवान तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के बाद लापता हो गया था.
142 लोग अभी भी लापता
सेना के सूत्रों के हवाले से बताया कि भारतीय सेना के तकनीकी विभाग में कार्यरत एक क्राफ्टमैन मितुल कलिता, सिक्किम में अचानक आई बाढ़ के बाद लापता 22 सैनिकों में से एक थे. अधिकारियों ने शुक्रवार रात को बताया कि बाढ़ के कीचड़ और मलबे से अब तक सात सैनिकों सहित 26 शव बरामद किए गए हैं. जबकि 142 लोग अभी भी लापता हैं और उनकी तलाश जारी है.
25,000 से अधिक लोग प्रभावित
मालूम हो कि बुधवार तड़के बादल फटने से अचानक आई बाढ़ ने 25,000 से अधिक लोगों को प्रभावित किया है. वहीं बाढ़ ने 1,200 से अधिक घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया है और 13 पुल बह गए हैं. इस आपदा से सुरम्य हिमालयी राज्य की स्थति बेहद खराब हो गई है. अब तक विभिन्न क्षेत्रों से 2,413 लोगों को बचाया गया है और 6,875 लोगों ने राज्य भर के 22 राहत शिविरों में शरण लिया है. राज्य का अधिकांश क्षेत्र देश के बाकी हिस्सों से कट गए हैं.

मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने मृतकों के परिवारों के लिए 4 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है. वहीं शिविरों में शरण लेने वाले सभी लोगों के लिए 2,000 रुपये की तत्काल राहत की घोषणा की गई है. बारदांग से लापता हुए 23 सैन्यकर्मियों में से सात के शव तीस्ता के नीचे के विभिन्न इलाकों से बरामद किए गए हैं. जबकि उनमें से एक को पहले बचा लिया
गया था.
मुख्यमंत्री तमांग ने कहा, शेष लापता सैनिकों की तलाश सिक्किम और पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्सों, जहां से तीस्ता बहती है, दोनों जगह जारी है. वहीं एक रक्षा बयान में कहा गया है कि बारदांग में, सेना के वाहनों को मलबों से बाहर निकाला गया और भंडार भी बरामद किया गया. साथ ही खोज अभियान में सहायता के लिए ट्रैकर कुत्तों और विशेष राडार का उपयोग किया जा रहा है.