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इजराइल के पास क्या हैं विकल्प… अधिक हवाई हमले, फिलिस्तीन के अंदर जमीनी आक्रमण या बातचीत?

छह अक्टूबर यानी बीते शुक्रवार को हमास ने अचानक इजराइल पर हमला कर दिया था. उसने एक के बाद एक 5000 रॉकेट दागे. हमास के लड़ाके, जमीन के अलावा समुद्र और आसमान के रास्ते इजराइल के सीमावर्ती इलाकों में घुस गए थे. हमास के हमले में 700 से ज्यादा इजराइली नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि उसने 50 से ज्यादा नागरिकों और सैनिकों को बंधक बना रखा है.

हमास के इस हैरतअंगेज हमले के जवाब में इजराइल सरकार द्वारा युद्ध का ऐलान करने और उसके गाजा पट्टी पर बमबारी तेज करने के बाद सोमवार तड़के भी इजराइल के दक्षिणी भाग में लड़ाई जारी थी. हमास के इस हैरतअंगेज हमले के बाद उसकी चार इजराइली हिस्सों पर फिर से कब्जा करने की कोशिश के लिए विशेष बल के सैनिकों को लाया गया था. अधिकारियों ने कहा कि इस ऑपरेशन में 1000 से अधिक लड़ाके शामिल थे. हमास के लड़ाकों ने सीमा पर एक किलेनुमा बाड़ को उड़ा दिया और गाजा सीमा के पास इजराइली समुदाय के नागरिकों और सैनिकों को गोली मार दी. इस हिंसा में एक भीड़ भरे संगीत समारोह पर हमला भी शामिल था, जहां अधिकारियों ने रविवार तक लगभग 260 शवों को हटा दिया था.

इजराइल ने हवाई हमलों के साथ जवाबी हमला किया, जिसमें हमास के कार्यालयों वाली 14 मंजिला इमारत को भी नेस्तानाबूद कर दिया. इजराइल में कम से कम 700 और गाजा में 400 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि हजारों लोग घायल हुए और गाजा में लगभग 123,000 विस्थापित लोग आश्रयों में हैं.

भारत के खुफिया सूत्रों के एक आकलन में इस भीषण खून खराबे के बीच इजराइल के सामने कई विकल्प हैं. इसमें अच्छे और बुरे दोनों हैं. पहला तो यह कि इजराइल हवाई हमले बढ़ा सकता है, लेकिन इससे उन्हें कुछ नहीं मिलेगा. हालांकि वे भविष्य में हर तरफ से होने वाले हमलों के प्रति अधिक संवेदनशील होंगे.

दूसरा विकल्प फिलिस्तीन के अंदर जमीनी आक्रमण शुरू करना है. लेकिन इससे नागरिक हत्याओं का मामला उठेगा और इजराइल एक नए संकट में फंस सकता है. जाहिर है कि इससे उसके मिशन की सफलता पर सवालिया निशान लग जाएगा. हालांकि इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि जमीनी आक्रमण कहां तक जाएगा. जमीनी हमला एक बार खुलने के बाद, निश्चित तौर पर हिज़्बुल्लाह की इसमें एंट्री होगी. हिज़्बुल्लाह लेबनान का एक शिया राजनीतिक और अर्धसैनिक संगठन है.

वैकल्पिक रूप से, एक समझौता फॉर्मूले के रूप में, वे अपने नागरिकों के लिए कैदियों का आदान-प्रदान कर सकते हैं. दूसरा पहलू यह है कि इससे हजारों हमास आतंकवादियों को रिहा किया जाएगा जो भविष्य में पलटकर और अधिक हमले कर सकते हैं. एक अन्य विकल्प बातचीत करना है जहां अरब दुनिया भी सहज हो और इजरायल को मौका दे.