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देश में अगले साल चालू होगी सोने की एक और खदान, पहली बार प्राइवेट कंपनी देश में बड़ी मात्रा में निकालेगी गोल्‍ड

सोना (Gold) एक मूल्‍यवान धातू है. भारत उन देशों में शामिल है जहां सोने की बहुत ज्‍यादा खपत होती है. भारत अपनी जरूरत का ज्‍यादातर सोना आयात ही करता है. अब अच्‍छी खबर यह है कि देश की बड़ी प्राइवेट सोने की खदान से अगले साल तक सोना निकलना शुरू हो जाएगा. निजी खदान, जोनागिरी गोल्ड माइन्स आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में तुग्गाली मंडलम में स्थित है. इस खदान का विकास जियोमैसूर सर्विसेज इंडिया लिमिटेड कर रही है. इस खदान को साल 2013 में मंजूरी दी गई थी. कंपनी को 8-10 साल वहां सोने की खोज करने में लग गए.

जियोमैसूर सर्विसेज इंडिया लिमिटेड में डेक्कन गोल्ड माइन्स की करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी है. डेक्कन गोल्ड माइन्स लिमिटेड देश की पहली और अब तक की अकेली ऐसी गोल्ड एक्सप्लोरेशन कंपनी है, जो बीएसई पर लिस्टेड है. डेक्कन गोल्ड माइन्स लिमिटेड के पास देश से बाहर भी सोने की खदानें हैं. किर्गिजस्तान में एक गोल्ड माइन प्रोजेक्ट में कंपनी के पास 60 फीसदी हिस्सेदारी है.

कब तक शुरू होगा उत्‍पादन

भारत की सोने की पहली बड़ी निजी खदान में अगले साल उत्पादन शुरू हो सकता है. डेक्कन गोल्ड माइन्स लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्‍ट हनुमा प्रसाद के हवाले से बताया गया है कि जोनागिरी गोल्ड प्रोजेक्ट में अगले साल के अंत तक यानी दिसंबर 2024 तक प्रोडक्‍शन पूरी क्षमता से चालू हो जाएगा.

साल में निकलेगा 750 किलोग्राम सोना
प्रसाद ने बताया है कि जब एक बार जोनागिरी गोल्ड प्रोजेक्ट में फुल स्केल प्रोडक्शन शुरू होगा, तो वहां हर साल करीब 750 किलो सोने का उत्पादन होगा. खदान पर अब तक करीब 200 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. अभी यहां प्रायोगिक तौर पर काम चल रहा है और हर महीने करीब एक किलो सोने का उत्पादन हो रहा है.

भारत में होता है 1.6 टन सोने का उत्‍पादन
भारत हर साल करीब 1.6 टन सोने का उत्पादन होता है. वहीं, सोने की खपत करीब इन खदानों जरिए 774 टन है. देश में अधिकांश सोने के भंडार कर्नाटक में स्थित हैं. राज्‍य के कोलार एहुट्टी और उटी नामक खानों से भारी मात्रा में सोना निकाला जाता है. कर्नाटक में सोने के 88% भंडार हैं. इसके अलावा 12 फीसदी गोल्ड रिजर्व आंध्र प्रदेश में स्थित है जबकि कुछ भंडार झारखंड में पाए जाते हैं.