ईरान ने चेतावनी दी कि अगर इजरायली सुरक्षा बलों (आईडीएफ) द्वारा अपेक्षित जमीनी कार्रवाई से पहले इजरायल ने गाजा पर हमला किया तो हालात बेकाबू हो जाएंगे और स्थिति पर नियंत्रण की “कोई गारंटी नहीं दे सकता”. ईरान के विदेश मंत्रालय ने विदेश मंत्री हुसैन अमीरबदोल्लाहियान के हवाले से कहा, “अगर गाजा के आम नागरिकों के खिलाफ ज़ायोनी शासन (इज़रायल) के हमले जारी रहते हैं, तो कोई भी स्थिति पर नियंत्रण और संघर्षों के विस्तार की गारंटी नहीं दे सकता है.” कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के साथ रविवार को मंत्रिस्तर की बैठक के दौरान ये टिप्पणियां की गईं.
यरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से इजरायल को एक निजी संदेश भेजा है कि अगर इजरायल गाजा में अपना सैन्य अभियान जारी रखता है तो वह हस्तक्षेप कर सकता है. तेहरान ने गाजा पर इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) की बमबारी नहीं रोकने पर “दूरगामी परिणाम” की चेतावनी दी.
ईरान के विदेश मंत्री ने शनिवार को भी इजरायल से गाजा पर अपने हमले रोकने का आह्वान किया था और चेतावनी दी थी कि अगर हिजबुल्लाह लड़ाई में शामिल हुआ तो युद्ध पश्चिम एशिया के अन्य हिस्सों में फैल सकता है और इससे ‘इजरायल को बड़े भूकंप का सामना करना पड़ सकता है.’ उन्होंने बेरूत में कहा कि लेबनान के हिजबुल्लाह समूह ने युद्ध के सभी परिदृश्यों को ध्यान में रखा है और इजरायल को जल्द से जल्द गाजा पर अपने हमले बंद करने चाहिए.
इजरायल, हिजबुल्लाह को तत्काल में अपना सबसे प्रमुख खतरा मानता है, अनुमान है कि उसके पास लगभग 150,000 रॉकेट और मिसाइलें हैं, जिनमें सटीक-मारक क्षमता वाली मिसाइलें भी शामिल हैं, जो इजरायल में कहीं भी मार कर सकती हैं. हिजबुल्लाह के पास सीरिया के 12 साल के संघर्ष में भाग लेने वाले हजारों प्रशिक्षित लड़ाके और विभिन्न प्रकार के सैन्य ड्रोन भी हैं.