त्योहारों का सीजन शुरू होने से पहले मोदी सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. इसके तहत गेहूं सहित 6 रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) में 2 से 7 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है. बता दें कि साल 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के बनने के बाद अब तक की यह सबसे बड़ी वृद्धि है. किसानों के साथ-साथ मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और केंद्रीय पेंशनभोगियों को भी तोहफा दिया है.
सरकार ने इस बार भी महंगाई भत्ते में चार फीसदी की बढ़ोतरी की है. इसके अलावा रेलवे के सभी गैर राजपत्रित कर्मचारियों को भी 78 दिनों के वेतन के बराबर उत्पादकता आधारित बोनस देने का केंद्र सरकार ने फैसला किया है. यह सभी फैसले बीते बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी की बैठक में लिए गए हैं.
गेहूं के एमएसपी को 150 रुपये बढ़ाकर अब 2,275 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. वहीं सबसे ज्यादा बढ़ोतरी मसूर दाल के एमएसपी में 425 रुपये की हुई है. सूचना एवं प्रसारण मंज्ञी अनुराग ठाकुर ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामसों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विपणन वर्ष 2024-25 के लिए यह फैसला लिया है. ताकि किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाया जा सके. मसूर दाल के बाद राई एवं सरसों के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल की मंजूरी दी गई है.
वहीं कुसुम के एमएसपी में भी 150 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. जौ के एमएसपी में 115 रुपये और चने के लिए 105 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है. डीए में बढ़ोतरी को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि महंगई भत्ते में चार फीसदी की बढ़ोतरी इस साल एक जुलाई से लागू मानी जाएगी. इसका सीधा लाभ 48.67 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा. बता दें कि अभी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता मूल वेतन व पेंशन का 42 प्रतिशत है. अब यह बढ़कर 46 प्रतिशत हो जाएगा.