लदाख (Ladakh) की गलवान घाटी में भारत से हिंसक झड़प के ठीक बाद चीन ने वहां भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती की है. साथ ही बहुत तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया है. पेंटागन (Pentagon) की एक रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने यूएस कांग्रेस के सामने जो वार्षिक रिपोर्ट पेश की है, उसमें कहा है कि साल 2022 में चीन ने LAC पर भारी संख्या में फौज की तैनाती की और 2023 में भी लगभग यही स्थिति रहने की आशंका है.
पेंटागन की रिपोर्ट ऐसे वक्त में सामने आई है जब भारत और चीन, दोनों LAC पर सर्दियों की तैयारी को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. इसी महीने की शुरुआत में दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर की 20वें दौर की बातचीत भी हुई थी. हालांकि इसका कोई खास नतीजा नहीं निकला था.
पेंटागन की रिपोर्ट में क्या खुलासा?
पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने LAC के पश्चिमी सेक्टर एक बॉर्डर रेजीमेंट की तैनाती की है. इसकी मदद के लिए जिनजियांग और तिब्बत मिलिट्री डिवीजन की दो टुकड़ी भी तैनात की है. इसके अलावा चार कंबाइंड आर्म्स ब्रिगेड (CAB) भी रिजर्व में हैं. इसी तरह पूर्वी सेक्टर में भी कम से कम तीन हल्की और मध्यम रेंज कंबाइंड आर्म्स ब्रिगेड की तैनाती की है.
इसी तरह, सेंट्रल सेक्टर में भी तीन अतिरिक्त कंबाइंड आर्म्स ब्रिगेड (CAB) तैनात की गई है. आपको बता दें कंबाइंड आर्म्स ब्रिगेड आर्टिलरी, इंफ्रेंट्री और बख्तरबंद गाड़ियों से लैस होती है. युद्ध के मैदान में इस टुकड़ी को सबसे आगे डिप्लॉय किया जाता है.
गलवान में SOF भी तैनात की
पेंटागन की रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाली बात है. रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद चीन ने यहां अपनी स्पेशल ऑपरेशन फोर्स (SOF) को तैनात कर दिया है. यह फोर्स तिब्बत मिलिट्री रीजन की हैं. हालांकि SOF को लड़ाई का कोई खास अनुभव नहीं है.
आपको बता दें कि साल 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. जिसमें दोनों तरफ से सैनिकों की जान गई थी. इसके बाद से ही वहां तनाव बरकरार है.