कोरोना काल में केंद्र की मोदी सरकार ने शहरों में सड़क किनारे रेहड़ी-पटरी लगाने वाले लाखों लोगों को आर्थिक सहायता देने के लिए पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत की थी. इस माइक्रो क्रेडिट स्कीम से इन छोटे कारोबारियों को जबरदस्त फायदा हुआ. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI ने इस स्कीम पर एक रिसर्च रिपोर्ट पेश की है, जिसमें इस योजना से लाभार्थियों को होने वाले फायदों के बारे में बताया गया.
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 2020 में शुरू की गई पीएम स्वनिधि योजना में 50,000 रुपये तक कॉलेटरल-फ्री लोन मिलता है. एसबीआई ने इस योजना पर अपनी रिसर्च रिपोर्ट पेश की है, जिसमें पीएम स्वनिधि के परिवर्तनकारी प्रभाव का विश्लेषण किया गया.
• पीएम स्वनिधि योजना में 65% कर्जदार 26-45 आयु वर्ग के हैं.
• कुल लाभार्थियों में से 43% महिलाएं हैं. इस रिपोर्ट में कहा गया है, “महिलाओं की हिस्सेदारी होने से शहरी महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा मिला है, जो उनकी क्षमताओं के सशक्तिकरण को दर्शाती है.”
• पीएम स्वनिधि योजना के डैशबोर्ड के अनुसार, इस स्कीम के तहत लोन लेने वाले 5.9 लाख लोग 6 मेगा शहरों में हैं और 7.8 लाख उधारकर्ता 1 करोड़ से अधिक आबादी वाले टॉप शहरों से आते हैं.
• अब तक तीनों किस्तों में लगभग 70 लाख लोन बांटे गए हैं, जिससे 53 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर लाभान्वित हुए हैं. इसके साथ ही लोन की कुल रकम 9,100 करोड़ रुपये है.
• इस रिपोर्ट के अनुसार, “लगभग 75% लोन लेने वाले लाभार्थी गैर-सामान्य श्रेणी से आते हैं.”
• लोन डिसबर्समेंट में ओबीसी का हिस्सा 44% है, जबकि SC/ST का हिस्सा 22% है.
• पीएम स्वनिधि से डिजिटल लेनदेन की स्वीकार्यता बढ़ी है.
क्या है पीएम स्वनिधि योजना
कोरोना काल में शुरू हुई पीएम स्वनिधि योजना अब रेहड़ी-पटरी लगाने वाले छोटे कारोबारियों के बीच काफी लोकप्रिय हो गई है. इस योजना के तहत सरकार 3 अलग-अलग किस्तों में रेहड़ी-पटरी लगाने वालों को 10,000 रुपये से 50,000 रुपये तक का लोन वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने के लिए देती है.