वन नेशन, वन इलेक्शन (One Nation, One Election) के मामले में दूसरी बैठक बुधवार को जोधपुर हॉस्टल में शुरू हुई, इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah), पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, गुलाम नबी आजाद और लॉ कमीशन के चैयरमैन ऋतु राज अवस्थी भी मौजूद रहे. इस बैठक में यह चर्चा हुई कि यदि वन नेशन, वन इलेक्शन को लागू किया जाएगा तो संविधान में कौन-कौन से बदलाव करने होंगे?
सूत्रों ने बताया कि बैठक में विधि आयोग ने आने वाले समय को लेकर एक रोडमैप भी शेयर किया गया. इससे पहले 23 सितंबर को कमेटी की बैठक हुई थी और उसमें कई मुद्दों पर राजनीतिक दलों की आपत्तियां, सुझाव और अन्य विचारों को सुना गया था. वन नेशन- वन इलेक्शन को लेकर संसद से किए जाने वाले संविधान संशोधन और इसके बाद पारित होने वाले विधेयकों पर चर्चा होगी.
नई व्यवस्था के लिए संविधान में कई अहम बदलाव करने होंगे
इसके बाद निर्वाचन आयोग की गतिविधि और कार्यवाही के साथ आवश्यक बुनियादी इंतजाम और अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई. लॉ कमीशन के चैयरमैन ऋतु राज अवस्थी ने कहा था कि देश में लोकसभा और विधानसभाओं, स्थानीय निकायों और पंचायत तक के चुनाव एक साथ कराने के लिए सरकार को कई मुद्दों पर सहमति बनानी होगी. सरकार को संविधान में कई अहम बदलाव करने होंगे.
सरकार ने बनाई कमेटी, पूर्व राष्ट्रपति को बनाया चेयरमैन
गौरतलब है कि इस कमेटी में चेयरमैन पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी और गुलाम नबी आजाद के अलावा 15वें वित्त आयोग के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ सुभाष कश्यप, सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे के साथ ही पूर्व चीफ विजिलेंस कमिश्नर संजय कोठारी को शामिल किया गया है.