नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) से पैसों की निकासी या फिर इस योजना से एग्जिट करने के लिए नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं. पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने फंड विड्रॉल और स्कीम से एग्जिट करने के लिए इंस्टेंट बैंक अकाउंट वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया है. इस बदलाव के जरिए PFRDA यह सुनिश्चित करेगी कि ग्राहकों के अकाउंट में समय पर निकासी की रकम जमा हो जाए.
इन नियमों के तहत ग्राहकों के बैंक खाते का वेरिफिकेशन पेनी-ड्रॉप मेथड से किया जाएगा. ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में PFRDA के 25 अक्टूबर के सर्कुलेशन के अनुसार, वेरिफिकेशन प्रोसेस के लिए नाम मिलान, निकासी और विड्रॉल रिक्वेस्ट जरूरी है. इसके अलावा, ग्राहकों के बैंक अकाउंट के विवरण को बदलने के लिए पेनी ड्रॉप वेरिफिरेशन अनिवार्य रूप से सफल होना चाहिए.
नियमों में हुए ये बदलाव
पेंशन रेगुलेटरी अथॉरिटी ने स्पष्ट किया है कि अगर CRA पेनी ड्रॉप के वेरिफिकेशन में असफल रहता है तो एनपीएस से एग्जिट या फिर पैसों की निकासी, ग्राहक के बैंक अकाउंट के डेटा में बदलाव को लेकर किसी भी निवेदन को स्वीकार नहीं किया जाएगा.
पेनी ड्रॉप फेलियर के मामले में संबंधित नोडल ऑफिस के साथ एक निर्धारित प्रोसेस के तहत ग्राहक के बैंक अकाउंट की डिटेल्स में बदलाव को लेकर फैसला लिया जाएगा. वहीं, CRA पेनी ड्रॉप असफल होने पर ग्राहक को उसके मोबाइल नंबर और ईमेल पर सूचना दी जाएगी.
NPS से बाहर निकलने का नियम
PFRDA के नियमों के अनुसार, अगर एनपीएस में सब्सक्राइबर द्वारा जमा राशि व ब्याज कुल मिलाकर 5 लाख रुपये से कम है तो वह सारी रकम एक साथ बाहर निकाल सकते हैं. लेकिन, इससे अधिक होने पर 40 फीसदी रकम को पेंशन के लिए रखा जाएगा और बाकी 60 प्रतिशत रकम एकसाथ बाहर निकाली जा सकती है.