कतर (Qatar) में जासूसी के कथित आरोप में मौत की सजा पाए 8 भारतीयों को बचाने के लिए भारत सरकार अलग-अलग चैनलों के माध्यम से हर संभव कोशिश करती दिख रही है. बकायदा सरकार से लेकर नौसेना प्रमुख तक ने कहा है कि कतर अदालत की ओर से सजायाफ्ता भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को राहत दिलाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं, सरकार राजनयिक स्तर से लेकर कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है. बावजूद इसके अब उन आठों भारतीयों के परिजनों को अब 18 दिसंबर का इंतजार है, क्योंकि यही वह दिन है, जब इन सभी के भाग्य का असल फैसला हो सकता है.
दरअसल, 18 दिसंबर कतर अदालत की ओर से सजा पाए इन आठ भारतीयों की जिंदगी के लिए काफी अहम है. 18 दिसंबर को कतर का नेशनल डे यानी राष्ट्रीय दिवस है और इस दिन कतर के अमीर कैदियों की सजा माफ करते आए हैं. ऐसे में इन आठों भारतीयों की उम्मीद इसी 18 दिसंबर टिकी हैं. राहत की उम्मीद इसलिए भी बढ़ जाती है, क्योंकि कतर का कानून ‘अमीर’ को आम तौर पर कतर के राष्ट्रीय दिवस (18 दिसंबर) पर दोषियों को माफ करने की अनुमति देता है. इसके अलावा, उम्मीद की जानी चाहिए कि भारत सरकार भी राजनयिक चैनलों के माध्यम से अमीर को माफी के लिए मना सकती है.
बता दें कि कतर की अदालत ने निजी सुरक्षा कंपनी अल दहरा के साथ काम करने वाले आठ पूर्व भारतीय नौसैन्य कर्मियों को 26 अक्टूबर को मौत की सजा सुनाई थी. इस फैसले को भारत ने ‘बेहद हैरानी भरा’ बताया था और मामले में सभी कानूनी विकल्प तलाशने की बात कही थी. इन आठ कर्मियों को कथित तौर पर जासूसी के एक मामले में पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि न तो कतर के अधिकारियों ने, न ही नई दिल्ली ने उनके खिलाफ आरोपों को सार्वजनिक किया. कतर में इन आठों भारतीयों को किस आधार पर मौत की सजा दी गई है, इसका भी खुलासा नहीं हुआ है. हालांकि, केवल इतनी जानकारी है कि इन पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप है.
आठों भारतीय निजी कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीस एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम कर रहे थे. जो एक ओमानी नागरिक, रॉयल ओमानी वायु सेना के सेवानिवृत्त स्क्वाड्रन लीडर के स्वामित्व वाली एक रक्षा सेवा प्रदाता कंपनी है. कतर में भारत के राजदूत ने इसी साल एक अक्टूबर को जेल में इन कर्मियों से मुलाकात की थी. इतना ही नहीं, इन आठ में से कुछ के परिवार ने भी कतर में मुलाकात की है. मौत की सजा पाने वालों में कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूरेनेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश शामिल हैं.