हेल्थ इंश्योरेंस लेने के बाद क्लेम सेटलमेंट से जुड़ी शर्तों में सबसे अहम शर्त होती है, 24 घंटे तक अस्पताल में भर्ती होने की कंडीशन. आमतौर पर ज्यादातर हेल्थ इंश्योरेंस में यह शर्त होती है कि क्लेम के लिए कम से कम 24 घंटे का हॉस्पिटैलाइजेशन जरूरी है. हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है कि किसी छोटी स्वास्थ्य समस्या के लिए पूरा एक दिन अस्पताल में भर्ती रहना पड़े. कुछ बीमारियों या समस्याओं का इलाज 2 से 5 घंटे में भी हो जाता है.
लेकिन, ऐसा नहीं है कि 24 घंटे अस्पताल में भर्ती रहने पर ही आपको क्लेम मिलेगा. बाजार में अब ऐसे हेल्थ प्लान भी आ गए हैं जिनमें क्लेम हासिल करने के लिए 24 घंटे तक हॉस्पिटल में एडमिट रहने की बाध्यता नहीं है. आइये आपको विस्तार से बताते हैं इसे बारे में…
2 घंटे भर्ती रहने पर भी मिलेगा क्लेम
दरअसल अब आ रही कुछ हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों में 24 घंटे नहीं बल्कि 2 घंटे का हॉस्पिटेलाइजेशन टाइम भी मिल रहा है. ऐसे में आप 2 घंटे तक अस्पताल में भर्ती रहने पर भी क्लेम कर सकते हैं इसलिए पॉलिसी खरीदने से पहले पॉलिसी शर्तों के बारे में अच्छे से पढ़ लेना चाहिए कि क्या उसमें डे केयर ट्रीटमेंट की सुविधा शामिल है.
डे-केयर ट्रीटमेंट के लिए क्लेम फाइल करने की प्रोसेस रेगुलर क्लेम्स के समान है. आजकल ज्यादातर बीमा कंपनी डे-केयर ट्रीटमेंट के लिए कवरेज ऑफर करती हैं. हालांकि, हर इंश्योरेंस कंपनी द्वारा कवर किए जाने वाले स्पेसिफिक ट्रीटमेंट और सर्जरी में अंतर होता है. खास बात है कि डे केयर ट्रीटमेंट की सुविधा कैशलेस क्लेम के साथ आती है.
इस साल मार्च में एक कंज्यूमर फोरम ने मेडिकल इंश्योरेंस से जुड़े मामले में अहम फैसला सुनाया था, जिसमें कहा गया कि हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए जरूरी नहीं है कि किसी व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती किया गया हो या 24 घंटे के लिए एडमिट किया जाए.