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प्रदूषण में हर साल टॉप पर रहता है ये इलाका, दिल्‍ली-गाजियाबाद में रहने वालों की घुटती है सांस, ऐसे करें बचाव

दिल्‍ली में प्रदूषण अपनी सीमा से आगे बढ़ चुका है. यहां की हवा में जहर घुल चुका है. कई इलाकों में एयर क्‍वालिटी इतनी खराब हो गई है कि स्‍मॉग की चादर फैल गई है लोगों को आसपास भी साफ साफ दिखाई तक नहीं दे रहा और स्‍वस्‍थ लोगों को भी सांस लेने में दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है. फिलहाल दिल्‍ली के ज्‍यादातर इलाकों में एक्‍यूआई 500 के करीब पहुंच चुका है. हालांकि दिल्‍ली के कई इलाके ऐसे हैं जहां इस बार ही नहीं हर साल प्रदूषण की मार सबसे ज्‍यादा होती है. इन इलाकों में प्रदूषण स्‍तर इतना हाई रहता है कि यहां स्‍मॉग और प्रदूषण की वजह से दिन में भी अंधेरा ही रहता है.

दिल्‍ली के सबसे प्रदूषित इलाकों में से एक है आनंद विहार. इस बार यहां दो दिन पहले ही एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स सबसे ज्‍यादा 999 तक पहुंच गया है. आनंद विहार दिल्‍ली के महत्‍वपूर्ण इलाकों में से एक तो है ही ऊपर से यह गाजियाबाद के नजदीक भी है, जिसकी वजह से आनंद विहार के प्रदूषण का खामियाजा दिल्‍ली और गाजियाबाद दोनों जगह रहने वाले लोगों को भुगतना पड़ता है.

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की पॉल्‍यूशन कंट्रोल यूनिट में एसोसिएट एक्‍सपर्ट विवेक चट्टोपाध्‍याय कहते हैं कि आनंद विहार में इतना प्रदूषण है कि यह गैस चैंबर बन चुका है. यहां रहने से फेफड़े और सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को ही नहीं बल्कि स्‍वस्‍थ लोगों को भी रेस्पिरेटरी संबंधी परेशानियां हो रही हैं. 999 एक्‍यूआई में रहना काफी खराब है.

आनंद विहार में क्‍यों होता है इतना प्रदूषण
विवेक चट्टोपाध्‍याय कहते हैं कि हर साल आनंद विहार में एयर क्‍वालिटी इतनी क्‍यों खराब होती है, इसके पीछे दो बड़ी वजहें हैं. वैसे तो पूरी दिल्‍ली में ही प्रदूषण है लेकिन कुछ लोकल मुद्दे हैं जिनकी वजह से यहां हालात खराब होते हैं. पहला बड़ा कारण है कि आनंद विहार बस अड्डे में कई राज्‍यों से बीएस 3 और बीएस 4 वाली डीजल बसें आती हैं. जब दिल्‍ली में पर्यावरण की स्थिति संवेदनशील है ऐसे में डीजल बसों से निकली हानिकारक गैसें प्रदूषण को कई गुना बढ़ा देती हैं.

वहीं दूसरी बड़ी वजह है गाजीपुर लैंड फिल साइट. यहां साल में कई बार कूड़े के ढेर में आग लगती रहती है. इससे हानिकारक गैंसें निकलती हैं और वायुमंडल में जमा होती रहती हैं. हल्‍की सर्दी शुरू होते ही और दिल्‍ली में प्रदूषण की परत चढ़ते ही ये गैंसें यहां की हवा को और जहरीला बनाने का काम करती हैं.

इन इलाकों में रहना है मुश्किल
विवेक कहते हैं कि आनंद विहार के पास साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र भी है जो यहां प्रदूषण को बढ़ाता है. हालांकि इस सब की वजह से आनंद विहार के आसपास बसे इलाकों में हालात बहुत खराब हो जाते हैं. ऐसे में इससे सटा ट्रांस हिंडन इलाका जिसमें कौशांबी, वैशाली, वसुंधरा, साहिबाबाद, इंदिरापुरम आदि जगहें आती हैं और दिल्‍ली के इलाके जैसे सूर्य नगर, विवेक विहार, कड़कड़डूमा, पटपड़गंज आदि में पीएम 2.5 की मात्रा ज्‍यादा रहती है. यहां सांस लेने में दिक्‍कतों के अलावा लोगों के अस्‍पताल में भर्ती होने तक की स्थिति पैदा हो जाती है.

क्‍या करें बचाव
विवेक कहते हैं कि इतने भीषण प्रदूषण में रहना खतरे से खाली नहीं है. आनंद विहार के आसपास रह रहे लोगों को कोशिश करनी चाहिए कि वे कम से कम एक महीने के लिए इस इलाके को छोड़कर कहीं बाहर चले जाएं. वहीं लोकल बॉडीज और सरकार को भी इस इलाके लिए हेल्‍थ एडवाइजरी जारी करनी चाहिए.