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आतंकवादियों की भर्ती के लिए हमास ने बनाई ‘तूफान अल अक्सा’ योजना, निशाने पर भारत समेत अनेक देश

इजरायल से शुरू किए गए युद्ध में हमास के हजारों लड़ाके अब तक मारे जा चुके हैं. आलम यह है कि युद्ध को लगातार जारी रखने के लिए हमास को अब और आतंकवादियों की जरूरत है. इसको महसूस करते हुए हमास के बड़े लीडरों ने मुस्लिम देशों समेत उन देशों से भर्ती करने की योजना बनाई है जो मुस्लिम बहुल हैं. इस योजना के तहत हमास के बड़े लीडर इस्माइल हन्हैया और खालिद मशाल द्वारा मुस्लिम युवाओं को संबोधित किया जा रहा है.

हमास के बड़े लीडरों द्वारा मुस्लिम युवाओं को इमोशनल बनाने के लिए इस भर्ती का नाम ‘तूफान अल अक्सा’ दिया गया है. ध्यान रहे कि अल अक्सा वह बड़ी मस्जिद है जिसके बारे में इजरायल पर आरोप लगाया गया है कि उसने उसे ध्वस्त करने की कोशिश की है, उसके जवाब में हमास द्वारा युद्ध किया जा रहा है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक 2 दिन पहले हमास के बड़े लीडर इस्माइल हन्हैया ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में तूफान अल अक्सा नामक रैली को संबोधित किया. इसका आयोजन कट्टरवादी संगठनों द्वारा किया गया था, जिनमें पाकिस्तान का सबसे बड़ा कथित धार्मिक संगठन जमात-ए- इस्लामी भी शामिल था.

जमात-ए- इस्लामी के मुखिया मिले हमास के नेताओं से
हमास में भर्ती के लिए पाकिस्तान के धार्मिक संगठन जमात-ए- इस्लामी के मुखिया सिराजुल हक ने हमास के बड़े लीडरों से दोहा कतर में मुलाकात की. इस दौरान पाकिस्तान के लिए इस संगठन ने हमास को पूरी तरह से भरोसा दिया कि वह उन्हें हर तरह की मदद मुहैया कराने में कोई कमी नहीं छोड़ेगा. खुफिया सूत्रों के मुताबिक इस दौरान हमास में लड़ने के लिए नए आतंकवादियों की भर्ती के प्लान पर भी आगे की योजना बनाई गई. जिसके तहत पाकिस्तान के धार्मिक नेताओं द्वारा उन्हें भरोसा दिया गया कि वह इसके लिए भारत समेत अनेक देशों में योजना के तहत भर्ती कराएंगे.

मुस्लिम बहुल इलाकों में संबोधित करेंगे हमास के नेता
हमास की योजना के मुताबिक मुस्लिम बहुल इलाकों में जब उनके बड़े लीडर सीधे संबोधित करेंगे और मुस्लिम धर्म और संप्रदाय पर बाकी दुनिया का खतरा बताएंगे तो उन्हें लगभग हर देश से अपने संगठन में आतंकवादियों के तौर पर सैकड़ों हजारों युवाओं के आने की संभावना लगती है. खुफिया एजेंसियों के हवाले से सूचना मिलने के बाद भारत समेत अनेक देशों में मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में विशेष निगरानी करने के लिए कहा गया है. जिससे हमास और पाकिस्तान मिलकर इस योजना में सफल न हो सकें.