दिल्ली सहित देश में बुधवार को उस दिन हंगामा मच गया जब संसद में 2 लोगों ने घुसकर हंगामा खड़ा कर दिया. दरअसल लोकसभा के हॉल में दो लोग विजिटर्स गैलरी से कूद आए और पीले रंग के स्प्रे का छिड़काव कर दिया. हालांकि अब तक इस मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही लगातार इससे जुड़े बड़े खुलासे हो रहे हैं. अब इस केस में एक और बड़ा खुलासा हुआ है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार संसद की विजिटर्स गैलरी में पहली पंक्ति में प्लानिंग के तहत दो आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन बैठे थे, ताकि संसद भवन हॉल में प्लानिंग के तहत कूद पाए. दोनों को पता था अगर विजिटर्स गैलरी में पीछे की पंक्ति में बैठे तो हॉल में कूदना संभव नहीं हो पाएगा. इस प्लानिंग का सूत्रधार मनोरजंन था, क्योंकि वह रेकी के दौरान बजट सत्र में एक बार बाकायदा संसद भवन की विजिटर्स गैलरी में पहली पंक्ति में जाकर बैठ गया था.
इसलिए आरोपियों को पता था कि चेकिंग के लिए समय से संसद भवन पहुंचना है ताकि लाइन में आगे रहकर विजिटर्स गैलरी में पहली पंक्ति में बैठने को मिले और फिर अपने मकसद में कामयाब हो सकें. जानकारी के अनुसार दिल्ली से करीब 450 किलोमीटर दूर नागौर के कुचामन सिटी के पास त्रिशंगया गांव के होटल में महेश कुमावत ने संसद कांड के मास्टरमाइंड ललित झा को रुकवाया था.
इसके बाद 13 दिसंबर की रात को ललित और महेश ने मिलकर आग सेकने के बहाने 4 मोबाइल को आग के हवाले कर दिया. दोनों ने उस सबूत को नष्ट कर दिया जो संसद की सुरक्षा सेंध मामले में सबसे बड़ा सबूत था. मालूम हो कि इससे पहले आज यानी 17 दिसंबर को खबर आई कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजस्थान के नागौर से सभी अरोपियों के मोबाइल फोन बरामद किए हैं. हालांकि जली हालत में मोबाइल फोन रिकवर किए गए हैं.