संसद सुरक्षा चूक मामले को लेकर विपक्ष लगातार दोनों सदनों में हंगामा कर रहा है. सरकार भी इसे लेकर बेहद आक्रामक है. अबतक लोकसभा और राज्यसभा के मिलाकर करीब 100 सांसद पूरे सत्र के लिए निलंबित किए जा चुके हैं. इसी बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में बताया गया है कि संसद में संयुक्त सचिव (सुरक्षा) पद के लिए नियुक्ति की जानी है. इसके लिए सभी राज्यों से सीनियर सिविल सर्वेट का नाम अपने स्टेट से प्रस्तावित करने के लिए कहा गया है.
गृह मंत्रालय की ओर से 14 दिसंबर को 10 लाइन का एक पत्र सभी राज्यों को भेजा गया है, जिसमें कहा गया कि योग्य और इच्छुक आईपीएस अधिकारियों के नामांकन 20 दिसंबर तक भेजे जाएं. यह नोटिफिकेशन केवल पूर्ण राज्यों को भेजा गया है. इसमें किसी केंद्र शासित प्रदेश को शामिल नहीं किया गया है. केंद्र शासित प्रदेशों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पहले से ही केंद्र सरकार के पास होता है.
किस अधिकारी की थी आखिरी पोस्टिंग?
बता दें कि संसद सचिव (सुरक्षा) पद लगभग दो महीने से खाली पड़ा है. यह आखिरी बार उत्तर प्रदेश कैडर के 1997-बैच के अधिकारी रघुबीर लाल के पास था, जिन्हें नवंबर की शुरुआत में उनके गृह राज्य में स्थानांतरित कर दिया गया था. तब से, यह पोस्ट खाली पड़ी है. इसे सुरक्षा में चूक मामले तक अस्थाई आधार पर ही भरा गया है.
कैसे हुई संसद सुरक्षा में चूक
बीते बुधवार को संसद सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया था. दो युवक लोकसभा की विजिटर गैलरी के माध्यम से कूदकर परिसर में पहुंच गए. उन्होंने स्प्रे के माध्यम से धुआं उड़ाया. उनके तीन साथी संसद के बाहर इसी तर्ज पर नारे लगाते हुए धुआं उड़ाते नजर आए. सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है. संसद सुरक्षा चूक को लेकर विपक्ष इस वक्त सरकार पर हमलावर है. विपक्ष दोनों सदनों में गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर अड़ा है.