डिजिलॉकर ने हर जरूरी कागजी काम के लिए अपने साथ फिजिकल पेपर रखने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है. भारत सरकार ने डिजिलॉकर की शुरुआत 2015 में की थी. इसमें आपको अपना अकाउंट बनाना होता है और इसके बाद आप अपने दस्तावेज इसमें रख सकते हैं. इसका मकसद पेपरलेस कार्यवाहियों को बढ़ावा देना है. इसके कई सकारात्मक नतीजे भी सामने आए हैं.
अब आपको ड्राइविंग करते समय खूब सारे कागज अपने साथ रखकर नहीं चलने होते. आप अपना ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी व पॉल्यूशन आदि डिजिलॉकर में रख सकते हैं. इसके अलावा आधार कार्ड, पैन कार्ड, पहचान पत्र व अन्य जरूरी दस्तावेज, जिनकी जरूरत आपको कहीं भी पड़ सकती है, को डिजिलॉकर में रख सकते हैं. आप इन्हें दिखाकर अपने काम निपटा भी सकते हैं. हालांकि, एक काम है जहां आपके डिजिलॉकर के डॉक्यूमेंट्स काम नहीं करते हैं.
कहां काम नहीं करेगा डिजिलॉकर
अगर आपको आधार कार्ड अपडेट कराना है या फिर नया आधार कार्ड बनवाना है तो आपको आधार सेवा केंद्र तो जाना ही होगा, साथ में फिजिकल दस्तावेज (असली कागज) भी वहां लेकर जाने होंगे. आप डिजिलॉकर में रखे डॉक्यूमेंट के आधार पर आप अपना आधार कार्ड नहीं बनवा सकते हैं.
क्यों नहीं होता इस्तेमाल?
दिल्ली से सटे नोएडा में सेक्टर 19 स्थित आधार सेवा केंद्र में राजकुमार पांडेय नाम एक ग्राहक ने न्यूज18 हिंदी को बताया कि कैसे आधार सेवा केंद्र पर एक ग्राहक सेवा अधिकारी ने उनसे आधार अपडेट के लिए फिजिकल दस्तावेज लाने को कहा. राजकुमार बताते हैं कि उन्हें ओरिजनल डॉक्यूमेंट लाने को कहा गया क्योंकि आधार केंद्र पर उन डॉक्यूमेंट्स को फिजिकल स्कैन करके ही सारी जानकारी फीड की जाती है. इसके बाद दस्तावेज वापस कर दिए जाते हैं.