प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन और अधिकार को लेकर देश में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं. ईडी के समन पर समन मिलने के बाद भी कुछ लोग पेश नहीं हो रहे हैं. संसद द्वारा पारित Prevention of Money Laundering Act, 2002 के तहत ईडी धनशोधन मामलों में लिप्त किसी भी शख्स के खिलाफ समन जारी कर सकती है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी, शरद पवार के करीबी जयंत पाटील, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत और आरजेडी नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव जैसे कुछ बड़े नाम हैं, जिन्हें ईडी ने समन दिया है.
अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन को 2 से 7 बार ईडी का समन मिल चुका है, लेकिन दोनों अभी तक पेश नहीं हुए हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कोई शख्स ईडी के समन की अनदेखी कर सकता है? ईडी कितने समन के बाद उस शख्स को गिरफ्तार कर सकती है और क्या ईडी के पास समन के बाद गिरफ्तारी का अधिकार है?
जानें सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता की राय
इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सुकुमार कहते हैं, “देखिए सेक्शन 50 पीएमएलए एक्ट के तहत ईडी वैसे व्यक्ति को जिनके बारे में ईडी के पास सारे सबूत आ जाते हैं. चाहे वह डॉक्यूमेंट्री हो या विटनेस का हो तब ईडी समन करती है. सेक्शन 50 के तहत समन करने का कतई मतलब नहीं होता है कि ईडी उस शख्स को गिरफ्तार कर लेगी. सेक्शन 50 का मतलब है कि ईडी आपसे डॉक्यूमेंट मांगती है तो आप डॉक्यूमेंट दें, बयान दर्ज करने के लिए कहती है तो आप बयान दर्ज कराएं. अगर कोई शख्स बार-बार समन का जवाब नहीं दे रहा है और न ही पेश हो रहा है तब ईडी सेक्शन 19 पीएमएलए एक्ट के तहत उस शख्स को गिरफ्तार कर सकती है.”