छत्तीसगढ़

मोदी कैबिनेट का ऐतिहासिक निर्णय , सी.ए.ए. हुआ लागू,6 धार्मिक अल्प संख्यकों को मिलेगी भारत की नागरिकता – कृष्ण बिहारी जायसवाल

पड़ोसी देशों से प्रताड़ित और सताए लोगों को प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी सौगात

कोरिया बैकुंठपुर – भारत देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू किए जाने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार का यह बड़ा और ऐतिहासिक निर्णय माना जा रहा है जिसे सोमवार 11 मार्च को देश भर में लागू कर दिया गया है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के कोरिया जिला अध्यक्ष कृष्ण बिहारी जायसवाल ने मोदी कैबिनेट के इस बड़े फैसले का स्वागत करते हुए कहा गया की बीते 10 वर्षों में मोदी सरकार ने देश के लिए कई अहम और ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं उनमें से नागरिकता संशोधन कानून सम्पूर्ण भारत देश के राष्ट्रहित में स्वागत योग्य फैसला है। कृष्ण बिहारी ने बताया की जिस तरह भाजपा की मोदी सरकार आमजन के लिए मुफ्त आवास की योजना पर कार्य कर रही है उसके तहत भारत में शरणार्थियों को नागरिकता तो मिलेगी ही साथ में वे मुफ्त आवास योजना से भी लाभान्वित हो सकेंगे और ये प्रताड़ित सताए जन भारत देश के परिवार का हिस्सा बनने का गौरव प्राप्त कर सकेंगे । श्री जायसवाल ने बताया की देशभर में नागरिकता संशोधन अधिनियम एक बड़ा मुद्दा बना हुआ था लेकिन सोमवार को केंद्र की मोदी सरकार ने इसे देशभर लागू कर दिया है। जिस कानून के लागू हो जाने से गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत देश की नागरिकता मिलेगी और जिसके लिए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए पोर्टल पर आवेदन करना होगा। इस कानून के तहत तीन पड़ोसी देश बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को नागरिकता मिल सकेगी साथ ही दिसंबर 2014 के पहले से भारत में आने वाले छह धार्मिक अल्पसंख्यक (हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी और ईसाई ) को नागरिकता का अधिकार होगा । जिला अध्यक्ष जायसवाल ने बताया की 11 दिसंबर 2019 को भारतीय संसद में सीएए को पारित किया गया था और 12 दिसंबर को महामहिम राष्ट्रपति ने इस विधेयक को मंजूरी दी थी । नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में 125 और खिलाफ में 105 वोट पड़े थे। उन्होंने बताया की केंद्र की मोदी सरकार का यह फैसला मुस्लिम-बहुल देशों से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने वाला है। जिसके लिए मोदी सरकार इस कानून को लागू करने की अधिसूचना को जारी करने के बाद एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च करेगी जिस पोर्टल के जरिए अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक शरणार्थी (हिंदू, सिख, पारसी, बौद्ध और ईसाई ) भारतीय नागरिकता के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे जिसमें उन्हें अपने बारे में जानकारी और भारत में प्रवास के समय को बताना होगा।