छत्तीसगढ़

पिछले साल छत्तीसगढ़ आए 14 हजार विदेशी टूरिस्ट 13 हजार 400 से ज्यादा टूरिस्ट रायपुर से ही वापस चले गए

छत्तीसगढ़ का पर्यटन विभाग इन दिनों विदेशी सैलानियों को खुश करने में नाकाम साबित हो रहा है. इसी क्रम में पिछले साल छत्तीसगढ़ में 14 हजार विदेशी टूरिस्ट आए, लेकिन 13 हजार 400 से ज्यादा टूरिस्ट रायपुर से ही वापस चले गए. इनमें भी कई ऐसे टूरिस्ट थे जो एयरपोर्ट या रेलवे स्टेशन के आसपास घूमकर लौट गए. ये सब पर्यटकों के लिए सुविधाओं की कमी होने के कारण हुआ है. नतीजतन देश में विदेशी पर्यटकों के बाजार में छत्तीसगढ़ का एक फीसदी हिस्सेदारी भी अब नहीं है.

केंद्र की वित्तीय सहायता से चल रहे ट्रायबल टूरिज्म सर्किट के अंतर्गत आने वाले जिलों में सिर्फ बस्तर ही ऐसा जिला है, जहां 400 से ज्यादा विदेशी पर्यटक गए. बता दें कि रायपुर और बस्तर के अलावा राजनांदगांव घूमने में विदेशी पर्यटकों ने रुचि दिखाई. प्रदेश के पर्यटन स्थलों के प्रचार-प्रसार के लिए फिलहाल केवल दिल्ली, कोलकाता, नागपुर और भोपाल जैसे शहरों में ही सूचना केंद्र हैं.

सीजी टूरिज्म के प्रमोशन के लिए बड़े शहरों में कोई गतिविधियां नहीं

सूचना केंद्रों के अलावा सीजी टूरिज्म के प्रमोशन के लिए देश के बड़े शहरों में कोई गतिविधियां नहीं की जा रहीं. इस वजह से लोगों को यहां के पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है. पर्यटन विभाग के डेटा के अनुसार विदेशी पर्यटक इन 19 जिलों में नहीं गए, जिनमें रायगढ़, जांजगीर चांपा, बलौदाबाजार, गरियाबंद, धमतरी, बालोद, बेमेतरा, सूरजपुर, जशपुर, अंबिकापुर, बलरामपुर, कोरिया, कांकेर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बीजापुर, कोंडागांव और सुकमा शामिल है.
 पर्यटकों का यहां नहीं आने का मुख्य कारण इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी होना, बड़े प्लेटफॉर्म पर प्रमोशन नहीं होना, लुभाने वाली योजना की कमी का होना और व्यापक सुविधाओं की कमी होना शामिल है.