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आरबीआई ने भरा सरकार का खजाना, वित्त वर्ष 2024 के लिए दिया 2.11 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड डिविडेंड

भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड भुगतान को मंजूरी दे दी है. वित्त वर्ष 2022-23 में यह 87,416 करोड़ रुपये रहा था. आरबीआई ने आधिकारिक बयान में ये जानकारी दी है. आज भारतीय रिजर्व बैंक की केंद्रीय बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 608वीं बैठक थी जो आर्थिक राजधानी मुंबई में आयोजित की गई थी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बैठक की अध्यक्षता की.

आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024 में अब तक का सबसे ज्यादा डिविडेंड दिया
आरबीआई ने भारत सरकार को जो डिविडेंड दिया वो इसके इतिहास का सबसे ज्यादा लाभांश है. इससे पहले आरबीाआई ने अभी तक सबसे ज्यादा डिविडेंड वित्त वर्ष 2018-19 के लिए दिया था. इसमें कुल 1,76,051 करोड़ रुपये का डिविडेंड केंद्र सरकार को मिला था. ये कोविडकाल के संकट से ठीक पहले के वित्त वर्ष की स्थिति थी. इस बार का डिविडेंड एक साल पहले दिए गए लाभांश के दोगुने से भी अधिक है.

आरबीआई के बोर्ड ने संभावित जोखिम का भी रखा ध्यान
आरबीआई के बोर्ड ने वैश्विक और घरेलू परिस्थितियों के साथ इनमें आर्थिक आउटलुक में आने वाले जोखिमों को शामिल किया है. रिजर्व बैंक के बोर्ड ने अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के दौरान रिजर्व बैंक के कामकाज पर भी चर्चा की. इसके साथ वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट और वित्तीय विवरण को मंजूरी दी है.

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आरबीआई का ट्रांसफरेबल सरप्लस मौजूदा आर्थिक पूंजी ढांचे की समीक्षा करने के लिए एक्सपर्ट कमिटी की सिफारिशों के मुताबिक रिजर्व बैंक द्वारा अपनाए गए आर्थिक पूंजी ढांचे (ईसीएफ) के बेस पर निकाला गया है. 26 अगस्त, 2019 को इस कमिटी ने सिफारिश की थी कि आकस्मिक जोखिम बफर (सीआरबी) के तहत जोखिम प्रावधान को आरबीआई की बैलेंस शीट के 6.5 से 5.5 फीसदी के दायरे में बनाए रखा जाना चाहिए. बिमल जालान की अध्यक्षता में बनी इस कमिटी ने ईसीएफ की रिकमंडेशन दी थी.

आरबीआई ने बयान में क्या कहा
रिजर्व बैंक ने बयान में कहा, “बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने लेखा वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार को सरप्लस के रूप में 2,10,874 करोड़ रुपये के ट्रांसफर को मंजूरी दी.” चालू वित्त वर्ष के बजट में सरकार ने आरबीआई और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों से कुल 1.02 लाख करोड़ रुपये की डिविडेंड इनकम का अनुमान जताया था.

अनुमान से ज्यादा डिविडेंड मिलने से सरकार को राजकोषीय घाटा कम करने में मदद मिलेगी. केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में अपने खर्चों और कमाई के बीच अंतर यानी राजकोषीय घाटे को देश की जीडीपी के 5.1 फीसदी पर सीमित रखने का टार्गेट रखा हुआ है.

कौन-कौन शामिल रहा आरबीआई की बोर्ड मीटिंग में
डिप्टी गवर्नर डॉ. माइकल देबब्रत पात्रा, एम राजेश्वर राव, टी रबी शंकर, स्वामीनाथन जे और केंद्रीय बोर्ड के अन्य डायरेक्टर सतीश के मराठे, रेवती अय्यर, आनंद गोपाल महिंद्रा, वेणु श्रीनिवासन, पंकज रमनभाई पटेल और डॉ रवींद्र एच ढोलकिया ने बैठक में भाग लिया. बैठक में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ और वित्तीय सेवा विभाग के सचिव डॉ विवेक जोशी भी शामिल हुए थे.